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यूपी: वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पांच वर्षों की उपलब्धि के साथ भावी पांच वर्षों की योजनाएं बनाने में जुटा।

यूपी: वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पांच वर्षों की उपलब्धि के साथ भावी पांच वर्षों की योजनाएं बनाने में जुटा।

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वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन पांच साल का लेखा-जोखा तैयार करने में जुटा हुआ है। इस क्रम में सभी विभागों व संकायों से पिछले पांच वर्षों की उपलब्धि व आगामी पांच वर्षों की योजना मांगी गई है। हालांकि, ज्यादातर विभाग अब तक भावी पांच वर्षों की योजना नहीं बना सके हैं। 

वहीं पिछले पांच वर्षों में विभागों के खाते में कोई खास उपलब्धि नहीं हैं। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर योजना बनाई जा सके। इसके पीछे नैक से ‘ए’ ग्रेड हासिल करना मुख्य उद्देश्य है।

वहीं विश्वविद्यालय को नैक से ‘ए’ ग्रेडिंग की वैधता पांच वर्षों के लिए मिली थी जो दिसंबर 2019 में ही समाप्त हो गई। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय एक फिर ‘ए’ ग्रेडिंग हासिल करने के प्रयास में जुटा हुआ है। इसके लिए विश्वविद्यालय में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। इसके अलावा डिजिटल को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

वहीं डिजिटल को गति देने के लिए शिक्षाविदों की पांच सदस्यीय समिति भी गठित की गई है। इसमें जम्मू- कश्मीर के प्रो. सुदेश शर्मा, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, (तिरुपति, आंध्र प्रदेश) के कुलपति प्रो. बी. मुरलीधर शर्मा, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (प्रयागराज) के निदेशक प्रो. ललित कुमार त्रिपाठी, पूर्वोत्तर राज्य आसाम से प्रो. कृष्ण कांत शर्मा, संस्कृत भारती (कर्नाटक) के राष्ट्रीय महासचिव पद्मश्री चमू कृष्ण शास्त्री शामिल हैं। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय को डिजिटल बनाने की योजना है।

वहीं दूसरी तरफ़ प्रथम चरण में लाइब्रेरी, संबद्धता, परीक्षा विभाग को डिजिटल करने की तैयारी है। इसके अलावा सभी विभाग व संकाय नेटवर्किंग से जोड़े जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। कंप्यूटर व नेटवर्किंग के क्रय आदेश दिए जा चुके हैं। कहा कि मार्च तक नैक को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) भेजने का लक्ष्य रखा गया है। 

वहीं मूल्यांकन अक्टूबर तक कराने का लक्ष्य है। दूसरी ओर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी नैक से नैक से मूल्यांकन कराने की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि, विद्यापीठ को नैक से ग्रेडिंग की वैधता वर्ष 2023 तक हैं। पिछली बार विद्यापीठ को ‘सी’ ग्रेड मिला था। इसे देखते हुए पुख्ता तैयारी करने के बाद भी नैक से मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया गया है।