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यूपी : वाराणसी बीएचयू में विज्ञानियों ने 11 सौ साल पहले होते शुगर उपचार को बनाया अपना आधार।

यूपी : वाराणसी बीएचयू में विज्ञानियों ने 11 सौ साल पहले होते शुगर उपचार को बनाया अपना आधार।

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वाराणसी। बीपी व शुगर (डायबिटीज) की समस्या काफी बढ़ते जा रही है। कोरोना के बाद इसका प्रभाव कुछ अधिक ही बढ़ा है। हालांकि शुगर यानी मधुमेह बीमारी कोई नई नहीं है। 10वीं शदी यानी आज से करीब 1100 साल पहले में भी होती थी अौर इसका उपचार भी। इसका जिक्र योगरत्नाकर, गदनिग्रह: सहित कई चिकित्सा ग्रंथों में भी है। 

वहीं योगरत्नाकर में विडंगादि क्वाथ का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 'विडंगरजनीयष्टीनागरगोक्षुरै: कृत:। कषायाे मधुना हंति प्रमेहांदुस्तरानपि' यानी विडंग, हरिद्रा (हल्दी), यष्टी मधु (मुलेठी), शुंठी (सोंठ) व गोक्षुर (गोखरू) से बने काढ़े के सेवन से मधुमेह की समस्या का हल होगा। इसको आधार बनाते हुए चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग में शोध किया गया है।

वहीं सुबह शाम काढ़े का सेवन, और घट गई दवा की डोज द्रव्यगुण विभाग के अध्यक्ष प्रो. बी राम के निर्देशन में डा. प्रेमलता कजारिया व डा. मिसू प्रशांत की ओर से इस काढ़े का परीक्षण क्लीनिकल व एक्सपेरीमेंटल दोनों रूप में हो चुका है। इसके सेवन से डायबिटीज के लिए चल रही मरीजों की दवा व इंसुलिन की भी डोज कम हुई। 

वहीं यह शोध दो जनरल में प्रकाशित भी हो चुका है। पांचों पौधों को बराबर मात्रा में सुखाकर कोर्स पावडर (बारिक नहीं) बनाया गया। 10 ग्राम कोर्स पावडर को चार कप पानी में रखकर उबाला गया। एक कप पानी बचने पर पिया जाता है। काढ़े का सेवन सुबह व शाम को किया जाता है।

वहीं प्रो. राम ने बताया कि 2020 में 60 मरीजों पर इस काढ़े का क्लीनिकल ट्रायल किया गया। इसका परिणाम सकारात्मक आया। इसके बाद इसका 2021 में चूहों पर एक्सपेरीमेंटल ट्रायल हुआ। चूहों पर चले ट्रायल के बाद पता चला कि यह काढ़ा लिवर, किडनी, हार्ट आदि पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं कर रहा है। क्लीनिकल ट्रायल का शाेध पत्र इंटरनेशन जर्नल आफ बायोलाजी, फार्मेसी एंड अलाइड साइंस में प्रकाशित हुआ।

वहीं एक्सपेरीमेंटल ट्रायल का शोध पत्र पब मेड जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। यह औषधि अब बाजार में उपलब्ध है। कहा कि शास्त्रीय योग पर बनी इस औषधि का आधुनिक पैमाने के लिए आगे भी शोध कार्य चल रहा है। साथ ही पेटेंट करने की भी तैयारी चल रही है।