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यूपी: बनास डेयरी ने वाराणसी में बढ़ाया दुग्ध व्यापार, 125 समितियों से 40 हजार लीटर प्रतिदिन पहुंच रहा कलेक्शन।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी से गोपालन का संदेश दिया था। जिनकी पहल पर बनास डेयरी गुजरात के चेयरमैन शंकर भाई पटेल ने बनारस के 120 लोगों को गाय पालन के गुर सीखने के लिए गुजरात बुलाया। जहां किसानों को दूध से गोपालकों की बदलती तस्वीर ही नहीं बल्कि गोपालन से समृद्धि की राह भी बताई। इसके बाद प्रोत्साहन के लिए बनास डेयरी की तरफ से किसानों को गीर गाय तोहफे में मिली।
वहीं किसानों को व्यापार से जोड़ने के लिए बनास डेयरी ने गाय भैंस के दूध की गुणवत्ता के हिसाब से गोपालकों को गांव में दूध के अच्छे दाम देना शुरु कर दिया है। बनास डेयरी के यूपी इंचार्ज डॉ एस वी पटेल ने बताया कि मिल्क कलेक्शन के लिए बनारस में कुल 125 समिति बनाई गई हैं।
वहीं जिसमें तीन समितियां महिला शशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनाने के लिए गठित की गई हैं। बनारस में 40 हजार लीटर प्रतिदिन तथा यूपी में सात लाख लीटर दूध का कलेक्शन पहुंच गया है। यूपी में सात लाख लीटर प्रतिदिन मिल्क कलेक्शन पहुंच चुका है जो साल के अंत तक 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक लक्ष्य रखा गया है।
वहीं बनास डेयरी द्वारा मातलदेईं में बनाये गए चिलिंग प्लांट में 40 हजार लीटर दूध प्रतिदिन कलेक्शन किया जा रहा है।इस प्लांट की क्षमता 50 हजार लीटर तक है।डॉ एस वी पटेल ने बताया कि दो सालों में इस तरह के 10 प्लांट लगाए जाएंगे जहां पांच लाख लीटर प्रतिदिन का टारगेट रखा गया है। करखियांव में बनने वाले प्लांट की शुरुआत होने में डेढ़ से दो वर्ष लग सकते हैं। प्लांट बनने के बाद इसकी क्षमता पांच लाख लीटर की रखी गई है।
वहीं दूसरी तरफ़ बनास डेयरी के यूपी टीम इंचार्ज डॉ एस वी पटेल ने बताया कि जिन समितियों का गठन किया गया है उनके साथ बैठक कर किसानों को दुग्ध व्यापार से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यहां के मिल्क कलेक्शन सेंटर के लिए बनाई गई समितियों के सचिवों को बनासकांठा, गुजरात बुलाकर ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के माध्यम से दुग्ध व्यापार से होने वाले लाभ और गोपालन के साथ ही एडवांस मार्केटिंग के तरीके भी बताए गए।
बता दें कि वहीं डॉ. एस वी पटेल ने बताया कि गीर गांव के किसानों और गोपालकों को दुग्ध व्यापार से जुड़कर उनके लाभ के बारे में बताया जा रहा है।इसके लिए गांवों में बैठक आयोजित करके किसानों और गोपालकों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को बिचौलोये से होने वाले नुकसान और बनास डेयरी से जुड़ने वाले सीधे लाभ के बारे में भी बताया जा रहा है। हर गांव के युवाओं को मिल्क कलेक्शन सेंटर से आर्थिक लाभ होगा।
वहीं डॉ. एस वी पटेल ने कहा कि यूपी में महिलाएं आगे नही आना चाहती हैं लेकिन उनको प्रेरित किया जा रहा है कि डेयरी से जुड़कर आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाएं। इसकी शुरुआत सेवापुरी ब्लॉक में महिला समिति के गठन से शुरुआत की गई है। सेवापुरी के अलावा दो अन्य महिला समिति भी गठित की गई हैं। महिला समितियों का गठन कराने के बाद उन्हें गुजरात मॉडल दिखाकर ट्रेनिंग दी जाएगी।