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यूपी: आगरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर हटेगा स्पीड से ब्रेक, वहीं 15 से फर्राटा भरेंगे वाहन।

यूपी: आगरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर हटेगा स्पीड से ब्रेक, वहीं 15 से फर्राटा भरेंगे वाहन।


आगरा। वे ग्रेटर नोएडा तक 165 किलोमीटर यमुना एक्सप्रेसवे पर गति सीमा पर लगा प्रतिबंध 15 फरवरी से हट जाएगा। हल्के वाहनों की अधिकतम गति सीमा पूर्व की तरह 75 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 100 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। भारी वाहनोंं की गति सीमा 55 किमी प्रति घंटा से 60 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।

वहीं यमुना एक्सप्रेसवे के खंदौली टोल प्रभारी तुलसीराम गुर्जर ने बताया कि कोहरे में बढ़ते हादसों की रोकथाम के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा 15 दिसंबर 2021 को गति सीमा पर प्रतिबंध लगाया गया था। हल्के वाहनों की अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा से घटाकर 80 किमी प्रति घंटा व भारी वाहनों की 60 किमी प्रति घंटा से 55 किमी प्रति घंटा कर दी गई। 

वहीं 21 दिसंबर 2021 को फिर इस गति को 5 किमी प्रति घंटा ओर घटाया गया। अब 15 फरवरी से गति सीमा पर लगा प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुर्घटना पर विराम लगाने को एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ एलईडी लाइट व सेंट्रल वर्ज लगे पौधों की ऊंचाई 1.5 सेंटीमीटर करने का कार्य हुआ है। 

वहीं उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना की एक प्रमुख वजह सेंट्रल वर्ज पर लगे पत्थर भी थे, सेंट्रल वर्ज से पत्थरों को हटाकर दोनों साइड में थ्राइस पिलर (अंग्रेजी का डब्लू लेटर के आकर वाला) क्रश बीम बैरियर लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि थ्राइस पिलर क्रश बीम बैरियर लगने से तेज रफ्तार से टकराने वाले वाहनों की गति का असर कम होगा।

वहीं यमुना एक्सप्रेसवे के खंदौली टोल प्रभारी तुलसीराम गुर्जर ने बताया कि 15 दिसंंबर 2021 से अब तक एक्सप्रेसवे पर कुल 32 दुर्घटनाएं हुई है, इनमें आठ लोगों की मौत हुई है। मौत वाली घटनाएं चालकों को नींद आने के कारण हुई है। एक भी घटना स्पीड से संबंधित नही है। 

वहीं उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक ग्रेटर नोएडा से आगरा के बीच 390 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 125 लोगों ने जान गंवाई है। 2019 में 560 और 2020 में 509 हादसे हुए। 2019 में एक्सप्रेसवे पर हादसों में 195 लोगों की मौत हुई थी। सुरक्षा उपायों के चलते वर्ष 2020 में यह आंकड़ा घटकर 128 हो गया था।

वहीं यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रियों से महंगा टोल वसूला जाता है। इसके बाद भी सुविधाओं में कटौती की जा रही है। रोड सेफ्टी के मानकों में से एक 164 इमरजेंसी काल बाक्स एक्सप्रेस वे शुरू होने के समय लगवाए गए थे। कुछ दिन बाद ही ये खराब हाे गए। अब इन्हें जड़ से उखाड़ लिया गया है। 

वहीं दूसरी तरफ़ एक्सप्रेसवे पर अब कहीं भी इमरजेंसी काल बाक्स दिखाई नहीं दे रहे, इसके बाद भी इन पर ध्यान नही दिया जा रहा है। रोड के उतार- चढ़ाव और टोल प्लाजा पर 48 स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरो में से अधिकांश खराब है। तुलसी गुर्जर ने इस बाबत कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।