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यूपी: विधानसभा चुनाव 1952 से अब तक सोनभद्र से तीन निर्दल प्रत्याशी पहुुंचे विधानसभा तक।
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र सोनांचल की राजनीति के रंग भी बदलते रहे हैैं। वर्ष 1952 में पहली बार हुए चुनाव से अब तक गौर करें तो महज तीन ही ऐसे निर्दल प्रत्याशी थे, जिन्होंने अपने दम पर जीत का परचम लहराया और विधानसभा तक पहुंचे। सबसे पहले वर्ष 1989 में दुद्धी सीट से विजय सिंह गोड़ निर्दल चुनाव जीते तो कुख्यात डकैत रहे हरि प्रसाद सिंह ऊर्फ घमड़ी खरवार ने वर्ष 1996 में रावटसगंज सीट से निर्दल चुनाव जीता था। इसके बाद दुद्धी से ही रूबी प्रसाद ने जीत हासिल कर जिले की पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया।
वहीं सोनभद्र में कभी महज दो विधानसभा सीट हुआ करती थी। जबकि घोरावल का आंशिक क्षेत्र राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुआ करता था। अब तक के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो ज्यादातर विधायक राजनीतिक दलों के ही रहे। पार्टी की नीतियों के आधार पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। वर्ष 1989 के पूर्व तक जब सोनभद्र मीरजापुर जिले का हिस्सा हुआ करता था, तब तक कभी कांग्रेस तो कभी जनसंघ व जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे।
वहीं जब रावटसगंज विधानसभा (सुरक्षित) सीट से हरि प्रसाद सिंह खरवार ऊर्फ घमड़ी खरवार निर्दल चुनाव मैदान में आए तो काफी चर्चा में रहे। वजह कि घमड़ी खरवार कभी यूपी और बिहार के घने जंगलों के दस्यु सरगना थे। उन पर यूपी और बिहार के थानों में हत्या समेत लूटपाट के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे। उस चुनाव में उन्हें बसपा का समर्थन मिला और उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि इस चुनाव के बाद उन्होंने एक बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद उनका राजनीतिक करियर लगभग समाप्त हो गया।
वहीं वर्ष 2012 में दुद्धी से निर्दल प्रत्याशी रूबी प्रसाद ने 42,028 वोट हासिल कर सपा के नरेश कुमार को हराया था। नरेश को 35,989 मत, भाजपा के गेना प्रसाद को 32,797 व बसपा के पन्नालाल को 29,480 मत मिले थे।