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यूपी: वाराणसी में लखनऊ से आई बीआइएस की टीम ने 20 से अधिक बड़े सराफा शोरूमों में की जांच के लिए सैंपल।

यूपी: वाराणसी में लखनऊ से आई बीआइएस की टीम ने 20 से अधिक बड़े सराफा शोरूमों में की जांच के लिए सैंपल।

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वाराणसी। शहर के कुछ शोरूमों में नकली आभूषण बिक्री की लगातार मिल रही शिकायत पर लखनऊ स्थित ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्स (बीआइएस) की टीम बनारस पहुंची। पहड़िया से लेकर चौक तक बड़े क्षेत्र में स्थित कई शोरूम और प्रतिष्ठानों की जांच की। इस दौरान 20 से अधिक जगहों से सैंपल लिए गए और उसे जांच के लिए लैब भेज दिया। दो दिनों तक बीआइएस की इस कार्यवाही से फर्जी और नकली आभूषणों का कारोबार करने वालों की धुकधुकी बढ़ी हुई है।

बता दें कि बनारस में अपंजीकृत सराफा कारोबार तेजी से पनप रहा है। कई जगहों पर असली के नाम पर नकली आभूषण ग्राहकों को बेचा जा रहा है। ऐसे में कई ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने इसकी शिकायत संबंधित विभाग में की। बीआइएस अधिकारी ने बताया कि बनारस में 400 पंजीकृत सराफा प्रतिष्ठान हैं और लगभग 50 बड़े शोरूम हैं। बनारस में हालमार्किंग केद्र नौ हैं। बीआइएस केयर एप पर छह संख्या दर्ज करने पर भी आभूषण का पूरा इतिहास जाना जा सकता है।

वहीं बीआइएस के क्षेत्रीय अधिकारी आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि ग्राहकों को शोरूम में किसी आभूषण को पसंद करने के उपरांत संचालक से लेंस की मांग करनी चाहिए। अगल लेंस नहीं देता है या नहीं है तो भी चालान का प्रविधान है। ये ग्राहकों का अधिकार है। इस लेंस से आभूषण पर लगे एचयूआइडी (हालमार्किंग यूनीक आइडेंटीफिकेशन) छह नंबर का कोड दर्ज होता है। 

वहीं दूसरी तरफ़ इससे पता हो जाएगा कि 14, 18 और 22 कैरट का आभूषण है या नहीं। इससे कम कैरेट होने पर कार्रवाई की जाती है। 30 नवंबर 2021 तक सभी आभूषणों पर पुराना हालमार्किंग हटाकर एचयूआइडी कोड लगाकर कारोबार करने की अनिवार्यता कर दी गई है।