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बिहार : समस्तीपुर में जमादार उमेश सिंह को 30 हजार रिश्वत के साथ रंगेहाथ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना की टीम ने किया गिरफ़्तार।
समस्तीपुर। सोमवार सुबह सरायरंजन थाना में पदस्थापित जमादार उमेश सिंह को 30 हजार रिश्वत के साथ रंगेहाथ दबोच लिया। टीम आरोपित को गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गई। निगरानी टीम ने बताया कि जमादार उमेश सिंह द्वारा थाना में जब्त एक स्कार्पियो छोड़ने के एवज में मथुरापुर के रहने वाले वाहन मालिक वसीम से 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी।
वहीं इस बाबत उक्त वाहन मालिक द्वारा निगरानी में शिकायत की गई थी। निगरानी टीम के डीएसपी ने एसके मवाड़ ने बताया कि मथुरापुर ओपी के रहने वाले मो. वसीम की स्कार्पियो सरायरंजन थाना क्षेत्र में दुघर्टनाग्रस्त हो गई थी। पुलिस ने उस समय वाहन को जब्त कर लिया। सरायरंजन थाना में इसकी प्राथमिकी भी दर्ज की गई।
वहीं इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में अर्जी लगाई। जमादार उमेश सिंह द्वारा न्यायालय में प्रतिवेदन सौंपने के एवज में प्रतिवादी से 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी। वहीं जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह जमादार उमेश सिंह वाहन मालिक वसीम को रिश्वत लेकर थाना में बुलाया था। जहां सादे लिबास में निगरानी की टीम पहले से वहां मौजूद थी। वाहन मालिक ने जैसे ही रिश्वत दिया, ठीक उसी वक्त निगरानी टीम ने जमादार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
वहीं अचानक हुई कार्रवाई के बाद पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया। निगरानी टीम आरोपित को गिरफ्तार कर पटना ले गई। स्थानीय लागों के अनुसार शादी समारोह के स्टीकर लगे वाहन के साथ निगरानी टीम सरायंरजन थाना के आसपास सुबह से ही चक्कर लगा रही थी। पुलिस कर्मियों को कोई भनक नहीं लगी। बता दें कि बीते वर्ष 23 नवम्बर को निगरानी विभाग की टीम ने जिले के मथुरापुर ओपी अध्यक्ष संजय कुमार सिंह और वारिसनगर अंचलाधिकारी संतोष कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
वहीं इससे पहले भी निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई की ओर से इस दिशा में लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप कई भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी आज जेल में बंद है। अभी हाल में मोतिहारी के अवन निबंधक के यहां छापेमारी की गई थी। जिसमें उन्हें आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिफ्तार कर लिया गया था। अब उनके लाकर की तलाश ली जाएगी।