Headlines
Loading...
यूपी: चंदौली जिले में मात्र 36 केंद्रों पर धान की ख़रीद होने से किसान हो रहे परेशान।

यूपी: चंदौली जिले में मात्र 36 केंद्रों पर धान की ख़रीद होने से किसान हो रहे परेशान।


पीडीडीयू नगर। जिले में 28 फरवरी तक धान खरीद होनी है। वर्तमान में विपणन और मंडी समिति के 36 केंद्रों पर ही धान खरीदा जा रहा है। अन्य केंद्रों के बंद होने से किसान परेशान हैं। अभी भी सैकड़ों किसान ट्रैक्टर पर धान लेकर बारिश और ठंड के बीच केंद्रों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। विभाग को धान खरीद का लक्ष्य पूरा होने की बात कह रहा है लेकिन अन्य किसानों का क्या होगा, इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

वहीं जिले में 1.25 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। यहां लगभग चार लाख टन का उत्पादन हुआ है। धान की खरीद के लिए जिले में 2.35 लाख एमटी धान खरीद का लक्ष्य रक्षा गया। धान खरीद के लिए विपणन शाखा के 34, पीसीएफ के 19, पीसीयू के 37, नैफेड के 9, यूपीएसएस के 9, एफसीआई के दो व मंडी समिति के दो क्रय केंद्र सहित कुल 129 क्रय केंद्र खोले गए। 

वहीं यहां एक नवंबर से धान खरीद शुरू हुई। यहां लगभग 20 हजार किसानों को धान बेचना था। शुरुआत में शासन ने खरीद में पारदर्शिता के लिए आनलाइन टोकन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। किसानों को खाद्य व रसद विभाग की वेबसाइट से आनलाइन टोकन निकालना पड़ रहा था। सुबह 10 बजे वेबसाइट खुलते ही आनलाइन स्लाट बुक हो जाते थे। ऐसे में किसानों के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई। इसको देखते हुए आठ जनवरी से आफ लाइन खरीद शुरू हुई। 

वहीं इसके बाद धान खरीद में तेजी आई। यह समस्या समाप्त हुई तो मौसम का मिजाज बिगड़ गया और बारिश से धान भीग गये। ऐसे में किसान धान बेच नहीं पाए। इस बीच जिले में 2.28 लाख एमटी धान की खरीद हो गई। पीसीएफ,पीसीयू, नैफेड,यूपीएसएस और एफसीआई ने धान खरीद का लक्ष्य पूरा होने पर केंद्र बंद कर दिया। वर्तमान में सिर्फ विपणन और मंडी समिति के केंद्रों पर खरीद हो रही है। ऐसे में किसानों को अब धान बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है। 

वहीं स्थानीय धान क्रय केंद्र पर धान खरीद अत्यंत धीमी गति से हो रही है। ऐसे में किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। ताराजीवनपुर संवाददाता के अनुसार साधन सहकारी समिति धूस खास और डिग्घी पर अधिकारियों ने कांटा शून्य होने का बहाना बनाकर पांच दिनों से धान खरीद बंद कर दी है। इसको लेकर किसान काफी परेशान है।