Headlines
Loading...
बिहार : गाथा 5 में पुलिस की बर्बरता, बच्ची सहित महिलाओं-पुरुषों को बांधकर रेत पर बैठाया।

बिहार : गाथा 5 में पुलिस की बर्बरता, बच्ची सहित महिलाओं-पुरुषों को बांधकर रेत पर बैठाया।


बिहार। गया बेलागंज प्रखंड के मेन थाना क्षेत्र के मोरहर नदी में बंदोबस्त बालू घाट के सीमांकन के दौरान पुलिस ने आढ़तपुर गांव में महिलाओं पर बर्बरता सामने आई। गांव में तलाशी के दौरान में महिला, विकलांग, बुजुर्गो को बेरहमी तरीके से पिटाई की। पिटाई के बाद दर्जनों की संख्या में नाबालिग, युवक, पुरूष और महिलाओं की हाथ बांधकर नदी के रेत पर बैठाया। 

वहीं बंधे हुआ हाथ और पुलिस के पहरा में बालू के रेत पर चलते हुए इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है। पुलिस के इस क्रूर और बर्बर चेहरे की हर ओर चर्चा हो रही है। 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची सहित छह महिलाओं एवं चार पुरुषों को पुलिस ने पीछे से हाथ और पैर बांधे घंटों जमीन पर बैठाए रखा। पुलिस ने हाथ बांधकर गिरफ्तार 10 लोगों को जानवरों की तरह ट्रैक्टर पर लाद बेलागंज थाना लेकर आई। 

वहीं मेन थाना क्षेत्र के आढ़तपुर गांव की 13 वर्षीय दूधी कुमारी के स्वजन रामस्वरूप यादव दो दिनों से सारा सुध बुद्ध खो चुके है। वे बताते है कि हम लोग खेत में मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। इस काम में हमारी बेटी भी हाथ बंटाती है। हमलोगों को इस मामले से कोई मतलब नहीं है। लेकिन फिर भी पुलिस वाले ने मेरी बेटी की बेरहमी से पीटा और हाथ बांधकरक ले गई।

वहीं यह कथन पूजा के पिता इंद्रदेव यादव का है। वे बताते है कि किसी तरह हम अपन बेटी के इंटर करा बीए में नाम लिखबैली हल। जेकरा से पढ़ लिख के हमनी के सहारा बनत। लेकिन पुलिस ओकरा साथे एइसन कयलक की जैसे उ उग्रवादी हे। ए वाक्या कमोबेश हर ग्रामीणों की है।

वहीं बेलागंज के राजद विधायक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने यह पुलिसिया कार्रवाई को तालिबानी बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार तालिबानी हाथ बांध लोगों को सर कलम करता है, उसी प्रकार पुलिस ने हाथ पैर बांध महिलाओं की पिटाई की है। बिहार में कानून बेलगाम हो गया है। जनता की आवाज को तालिबानी कार्रवाई से बंद करना चाहती है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि जिन बालू माफिया के द्वारा तालिबानी घटना को अंजाम दिया है, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। यहां की कार्रवाई और पिटाई को विधानसभा में उठाएंगे।

वहीं भाकपा माले के अंचल सचिव मुंद्रिका राम ने घटना की भत्र्सना करते हुए कहा कि घोषी विधायक के नेतृत्व में शुक्रवार को पीडि़त परिवारों से मिलेंगे। ऐपवा नेत्री रीता वर्णवाल ने घटना में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय में प्रतिवाद मार्च निकलेंगे।

बता दें कि वहीं सरकारी काम में बांधा डालने और गांव के बालू तस्करों द्वारा व्यवधान पैदा किया गया था। इस कारण से पुलिस ने गांव में बल का प्रयोग किया गया है। महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार नहीं हुआ है। वे भी सरकारी काम में व्यवधान डाला गया था। इस मामले में 10 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।