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यूपी : वाराणसी समेत अन्य जिलों में भाजपा के मिशन-84 में शामिल पूर्वांचल की 20 सीटें।

यूपी : वाराणसी समेत अन्य जिलों में भाजपा के मिशन-84 में शामिल पूर्वांचल की 20 सीटें।

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वाराणसी। भाजपा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के साथ 325 सीटें जीती और 78 सीटें हारी थी। बाद में कुछ सीटें उपचुनाव में हार गई। कुछ सीटों पर जीत का अंतर मामूली रहा। पार्टी ने ऐसी 84 सीटों को चिह्नित किया था। इसमें पूर्वांचल की 20 सीटें भी शामिल हैं। यहां संगठन ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। इस बार पार्टी यहां के परिणाम को 'मिशन-84 की बदौलत बदलने के लिए कटिबद्ध है।

वहीं पूर्वांचल के 10 जिलों में कुल 61 सीटें हैं। इसमें से भाजपा और उसके घटक दलों ने वाराणसी की आठ, सोनभद्र की चार और मीरजापुर की सभी पांच सीटों पर विजय हासिल की थी। इसके अलावा आजमगढ़ की 10 सीटों में से नौ अतरौलिया, गोपालपुर, मुबारकपुर, सगड़ी, आजमगढ़, निजामाबाद, दीदारगंज, लालगंज सुरक्षित, मेंहनगर सीट पर हार गई थी। 

वहीं इसी प्रकार मऊ, बलिया की रसड़ा व बांसडीह, जौनपुर की शाहगंज, मलहनी, मुंगराबादशाहपुर व मछलीशहर, चंदौली की सकलडीहा, गाजीपुर की सैदपुर व जंगीपुर और भदोही की ज्ञानपुर सीटों पर भाजपा को हार मिली थी। पार्टी इन सीटों पर हारने के बाद बैठने के बजाय रणनीति बनाने में लग गई। पार्टी ने हारी सीट को उपेक्षित छोडऩे के बजाय वहां और संजीदगी से जीत की जमीन तैयार की है।

वहीं भाजपा ने जब 'मिशन-84 की योजना बनाई थी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में इन सीटों की कमान सौंपी। उसी योजना के तहत आजमगढ़ में योगी ने अधिक समय दिया। ऐसे सभी जिलों में सांगठनिक ढांचे को और मजबूती देने के साथ ही शीर्ष नेताओं का प्रवास भी हुआ। 

वहीं आजमगढ़ को विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज की सौगात दी गई। दूसरे दलों के प्रभावी नेताओं को पार्टी से जोड़ा गया। जिलों के प्रभारी मंत्रियों और पदाधिकारियों ने भी अहम भूमिका निभाई है। पार्टी ने योजना बनाकर ग्राउंड लेवल पर काम किया।