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यूपी: जांच के पेच में फंसा वाराणसी के 84 गंगा घाटों की सफाई का भुगतान, वहीं कार्यों की पुन: समीक्षा कर मांगी रिपोर्ट।

यूपी: जांच के पेच में फंसा वाराणसी के 84 गंगा घाटों की सफाई का भुगतान, वहीं कार्यों की पुन: समीक्षा कर मांगी रिपोर्ट।

                        Vinit Jaiswal City Reporter

वाराणसी। गंगा के 84 घाटों के साफ-सफाई का जिम्मा विशाल प्रोटक्शन लिमिटेड को मिला है। बीते 15 अप्रैल से यह कंपनी घाटों की साफ-सफाई में जुटी है लेकिन 15 अप्रैल से सितंबर माह तक लगभग साढ़े पांच महीने के कार्य का भुगतान नगर निगम के जांच के पेच में फंसा है। हालांकि नमामि गंगे के तहत कंपनी को कार्यों व कर्मियों के वेतन आदि का भुगतान सीधे शासन से होता है, लेकिन नगर निगम प्रशासन की ओर से कामों को प्रमाणित कर अग्रासरित किया जाता है। 

वहीं नगर निगम प्रशासन ने अप्रैल से लेकर सितंबर माह तक खासतौर से बाढ़ के दौरान कंपनी के कार्यों को संतोषजनक नहीं पाया और इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन की ओर से अभी तक कंपनी को भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी की ओर से इसके लिए हाथ-पैर मारा जा रहा है। जिस पर शासन ने कार्यों की पुन: समीक्षा कर रिपोर्ट मांगी है। 

वहीं इसके आलोक में एक बार फिर से नगर आयुक्त प्रणय सिंह के निर्देश पर समिति का गठन किया गया है, जिसमें अपर नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार मौर्य व मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन के अलावा उन जोनल अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, जिनके अंतर्गत घाट आते हैं।

वहीं बाढ़ के दौरान गंगा के घाटों पर काफी मात्रा में शील्ड जमा हो गया था तथा श्रीकाशी विश्वनाथधाम का लोकार्पण भी होने वाला था। ऐसे में गंगा घाटों की सफाई को लेकर काफी हो-हल्ला भी होने लगा। नगर निगम के अधिकारियों ने जांच कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि कंपनी से आधार नंबर के साथ मानक के अनुरूप कर्मियों की सूची मांगी गई थी। 

वहीं जो उपलब्ध नहीं कराया गया। उपकरण की सूची नहीं दी गई, न इसका प्रदर्शन किया गया। कूड़ेदान नहीं लगा और साफ-सफाई को लेकर प्रचार-प्रसार भी नहीं हुआ। शील्ड की सफाई भी सही तरीके से नहीं हुई। अब इसकी जांच के लिए समिति का गठन किया गया। समिति ने भेजी गई रिपोर्ट में तकरीबन छह बिंदुओं को स्पष्ट करने की बात कही है। जिस पदाधिकारी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई उन्हें स्पष्ट करना है। इसके बाद ही कंपनी को भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो पाएगा।