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बिहार : पटना में डीबीटी का लाभ न लेने वालों का भी बनेगा डाटा बेस, वहीं नए पोर्टल पर कराएं रजिस्ट्रेशन।

बिहार : पटना में डीबीटी का लाभ न लेने वालों का भी बनेगा डाटा बेस, वहीं नए पोर्टल पर कराएं रजिस्ट्रेशन।


पटना। कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग हरेक परिवार के लिए अलग डाटा बेस तैयार करने में जुट गया है। इसे कामन सोशल रजिस्ट्री पोर्टल का नाम दिया गया है। इस पर वैसे लोग भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, जिन्हें फिलहाल डीबीटी का लाभ नहीं मिल रहा है। 

वहीं भविष्य में जब कभी उन्हें पात्रता हासिल होगी, बिना किसी आवेदन के उन्हें लाभ मिल जाएगा। इस मामले में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की जवाबदेही वित्त विभाग को दी गई है। विभाग ने संकल्प के जरिए अन्य विभागों से कहा है कि वह कामन डाटा बेस तैयार करने की दिशा में जरूरी पहल करें। 

वहीं वित्त सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी संकल्प में कहा गया है कि नए लाभुक इसी पोर्टल पर अपना निबंधन कराएं। इसके लिए आधार नंबर की जरूरत होगी। पहले से सभी पोर्टल पर निबंधित लाभुकों का विवरण इसी पोर्टल पर ट्रांसफर किया जा रहा है।

वहीं इससे पहले नागरिकों के खाते में नकद भुगतान की सुविधा के लिए हरेक विभाग का अलग-अलग डाटा बेस तैयार किया गया था। वित्त सचिव के अनुसार इससे योजनाओं के कार्यान्वयन में परेशानी होती थी। अधिक समय भी लगता था। अब एक डाटा बेस तैयार होने पर यह परेशानी समाप्त हो जाएगी। 

वहीं दूसरी तरफ़ सरकार की कई योजनाएं हैं। उसमें एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग विभागों से योजना का लाभ उठाते हैं। एक ही परिवार में जच्चा-बच्चा के लिए स्वास्थ्य विभाग धन देता है। स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षा विभाग की योजनाओं का लाभ मिलता है। वृद्ध सदस्य समाज कल्याण विभाग तो खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं का लाभ कृषि विभाग देता है। यानी एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों को लाभ देने के लिए कई डाटा बेस का सहारा लिया जाता है। 

वहीं प्रस्तावित कामन सोशल रजिस्ट्री पोर्टल में परिवार के मुखिया के आधार नंबर के साथ अन्य सदस्यों का आधार नम्बर टैग रहेगा। परिवार के मुखिया के आधार नम्बर से ही पता चल जाएगा कि अन्य सदस्य सरकार की किन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। अवयस्क बच्चों के हिस्से का भुगतान परिवार के मुखिया के खाते में होगा। पोर्टल पर निबंधन के लिए आधार नम्बर दर्ज करना होगा। 

वहीं उससे जुड़े मोबाइल पर ओटीपी जाएगा। उसे दर्ज करने पर पेज खुलेगा। उसमें जरूरी जानकारी दर्ज करने पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पूरी कवायद से राज्य सरकार के पास हरेक परिवार का डाटा बेस तैयार होगा। इससे सरकारी योजनाओं के निर्माण एवं बजट आवंटन में मदद मिलेगी।