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बिहार : मुजफ्फरनगर में चेहरे के कालाजार मरीज को इलाज के बाद ही मिलेगी अब दवा।

बिहार : मुजफ्फरनगर में चेहरे के कालाजार मरीज को इलाज के बाद ही मिलेगी अब दवा।


बिहार। मुजफ्फरनगर में चेहरे के कालाजार मरीजों के इलाज से पहले अब उसकी आंख की जांच होगी। उसके बाद ही दूसरे कालाजार मरीजों के लिए दी जाने वाली दवा उनको मिलेगी। अगर आंख में परेशानी होगी तो सामान्य कालाजार मरीज से अलग दवा व उसकी डोज दी जाएगी। साहेबगंज व मड़वन के दो मरीजों को इलाज के दौरान आंख में आई परेशानी के बाद यह कदम उठाया गया है। 

वहीं पीड़ित मरीज को देखने के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग कंट्रोल यूनिट की निदेशक डा.नुपुर राय पूरी टीम के साथ 25 को आएंगी। इसकी तैयारी शुरू है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डा.सतीश कुमार ने बताया कि जिले में अभी चेहरे के कालाजार के पांच मरीज हैं। सब पर नजर रखी जा रही है।

वहीं जिला मलेरिया कार्यालय के अनुसार साहेबगंज इलाके के एक मरीज को अचानक माथे में दर्द हुआ। उसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ। दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान यह जानकारी सामने आई कि कालाजार के सामान्य मरीज को मिलने वाली दवा की खुराक चेहरा वाले कालाजार मरीज को मिल रही थी। इसके कारण आंख संबंधी परेशानी सामने आई है। मड़वन के एक मरीज में भी ऐसी ही शिकायत मिली। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक गई उसके बाद टीम का यहां पर दौरे का कार्यक्रम बना है।

वहीं विभाग की ओर से एक शोध में यह बात सामने आई कि डीडीटी बालू मक्खी के उपर उतना कारगर नहीं रहा। डीडीटी पर रोक लगा दी गई। चार वर्षों से एसपी नामक केमिकल का छिड़काव होने के बाद बालू मक्खी पर नियंत्रण है। जिले में मरीज मानक दस हजार पर एक से कम पर पहुंच गया है। इस मानक पर कालाजार पर नियंत्रण हो गया है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी ने बताया कि एसपी अत्यंत कारगर है। अब कालाजार पर नियंत्रण हो गया है। उन्मूलन को लेकर अभियान चल रहा है।