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नई दिल्ली : सरहदों को दुश्‍मनों से महफूज रखने के लिए सरकार ने BIM योजना को जारी रखने की दी मंजूरी।

नई दिल्ली : सरहदों को दुश्‍मनों से महफूज रखने के लिए सरकार ने BIM योजना को जारी रखने की दी मंजूरी।


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश की सरहदों को दुश्‍मनों से महफूज रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 13,020 करोड़ रुपये की लागत वाली 'बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट योजना को जारी रखने के लिए मंजूरी प्रदान की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक योजना के कार्यकाल को 2021-22 से 2025-26 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। यह केंद्रीय क्षेत्र की अम्ब्रेला योजना है।  

वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक बीआईएम योजना भारत-पाक, भारत-बांग्लादेश, भारत-म्यांमार, भारत-चीन, भारत-नेपाल, भारत-भूटान और भारत-पाकिस्तान सीमाओं को सुरक्षित करने में मदद करेगी। इस योजना से सरहदों पर बाड़बंदी, सीमाओं पर फ्लडलाइट्स जैसी बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद मिलेगी। इससे सीमाओं की सुरक्षा के लिए तकनीकी समाधान से लेकर सीमाई इलाकों में सड़कों के जाल बिछाने तक मदद मिलेगी।

वहीं उल्‍लेखनीय है कि चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए सरकार सरहदों पर बुनियादी ढांचों के विकास पर जोर दे रही है। पिछले साल दिसंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से बनाई गई 27 सड़कों और पुलों की परियोजनाओं का अनावरण किया था। पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इन सड़कों में दक्षिणी लद्दाख में उमलिंग-ला दर्रे पर 19 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर बनाया गया सड़क मार्ग भी शामिल है।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी गतिरोध के मसले पर कहा था कि हाल में उत्तरी क्षेत्र में हमने जिस मुस्‍तैदी और मजबूती के साथ विरोधी का सामना किया है। वह सीमाई इलाके में बगैर बुनियादी ढांचे के विकास के संभव नहीं था। रक्षा मंत्री ने पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आजादी के बाद सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर पर्याप्त फोकस नहीं किया गया था। हमारी सरकार के आने के बाद हालात बदल गए हैं। सरहदों पर सड़कों का निर्माण सामरिक लिहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण है।