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हरियाणा : सात साल में दोगुना हुआ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय।

हरियाणा : सात साल में दोगुना हुआ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय।


हरियाणा। आंगनबाड़ी वर्कर्स और सहायिकाएं भले ही मानदेय बढ़वाने को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन हकीकत में पूरे उत्तर भारत में इन्हें सबसे ज्यादा मानदेय और सुविधाएं दी जा रही हैं। मौजूदा प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने हिस्से के मानदेय में सर्वाधिक 9961 रुपये का मासिक योगदान दे रही है, जबकि इसमें केंद्र का हिस्सा 2700 रुपये है। यह योजना केंद्र व प्रदेश सरकारों की 60:40 की भागीदारी पर चलाई जा रही है।

वहीं हरियाणा में वर्ष 2014 में आंगनबाड़ी वर्कर को 7500 रुपये और हेल्पर को 3500 रुपये मानदेय मिलता था जो अब लगभग दोगुना हो चुका है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रति मास 12 हजार 661 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को 11 हजार 401 रुपये व सहायिका को 6781 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। 

वहीं तमिलनाडु में आंगनबाड़ी वर्कर को 12 हजार 200 रुपये, छत्तीसगढ़ में 6500 रुपये, मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपये, पश्चिम बंगाल में 8250 और पंजाब में 9500 रुपये मानदेय मिल रहा है जो हरियाणा से काफी कम है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों के आंदोलन का कोई औचित्य इसलिए नहीं है, क्योंकि उनकी सभी मांगें मानी जा चुकी है। 

वहीं प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा मांगी जा रही सुविधाओं से कहीं अधिक उन्हें दे रही है और आगे भी देगी। मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को हरियाणा में 11 हजार 401 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। तमिलनाडु में मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को 9400 रुपये, तेलंगाना में 7800 रुपये, छत्तीसगढ़ में 4500 रुपये, मध्य प्रदेश में 5750 रुपये और पंजाब में 6300 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।

वहीं दूसरी तरफ़ मुख्यमंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी हेल्पर की बात करें तो हरियाणा में आंगनबाड़ी हेल्पर को 6781 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी हेल्पर को 3250 रुपये, मध्य प्रदेश में 5000 रुपये, पश्चिम बंगाल में 4800 रुपये और पंजाब में 5000 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने हाल ही में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृति पर एक लाख रुपये तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

वहीं इसके अलावा दुर्घटना होने पर दो लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी। 10 साल से अधिक अनुभव वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वरिष्ठता एवं लिखित परीक्षा के आधार पर पदोन्नत भी किया जाएगा। महामारी के दौरान की गई ड्यूटी के लिए 1000 रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि आइसीडीएस के निजीकरण की भी कोई योजना नहीं है।