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हरियाणा: जींद जिले में डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे अधिकारी, वहीं ड्रा के लिए नहीं पहुंचे भट्ठा संचालक।
हरियाणा। जींद जिले में एक तिहाई भट्ठों के संचालन के लिए वीरवार को भी ड्रा नहीं निकाला जा सका। डीआरडीए हाल में अधिकारी ड्रा निकालने के लिए डेढ़ घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन बैठक में भट्ठा संचालक शामिल नहीं हुए। भट्ठा एसोसिएशन के पदाधिकारी जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देते हुए ज्ञापन देकर वापस चले गए।
बता दें कि एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में बढ़ते प्रदूषण के कारण एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम) के आदेशानुसार हर साल एक तिहाई भट्ठे ही चलाए जाने हैं। एक मार्च से भट्ठे चलने हैं। एक तिहाई भट्ठे चलाने के लिए जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा ड्रा निकालने के लिए कई बार बैठक बुलाई जा चुकी है। लेकिन भट्ठा संचालक बैठक में नहीं आ रहे।
वहीं जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ से वीरवार को दोबारा बैठक बुलाई गई, जिसके लिए दो बजे डीआरडीए हाल में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक निशांत राठी, डीएफएसओ विरेंद्र सिंह, सप्लाई इंचार्ज अमित कुमार, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ रजत पहुंच गए। लेकिन ड्रा प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए कोई भट्ठा संचालक नहीं पहुंचे।
वहीं जिसके कारण डेढ़ घंटे इंतजार के बाद अधिकारी वापस लौट गए। कल होनी है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भट्ठा एसोसिएशन के प्रधान प्रवीन ढिल्लों, यशपाल बुढ़ायन, जयपाल ढांडा ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक निशांत राठी को ज्ञापन सौंपकर ड्रा निकालने के लिए अभी और समय देने की मांग की। भट्ठा संचालक एक तिहाई की बजाय सभी भट्ठे चलाने के पक्ष में हैं।
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 12 फरवरी को सुनवाई होनी है। इसलिए कोर्ट में सुनवाई होने तक ड्रा ना निकाला जाए। जींद जिले में कुल 142 भट्ठे हैं, जो पिछले काफी समय से बंद हैं। आमतौर पर भट्ठे बरसाती सीजन के बाद दीपावली के आसपास चलते हैं, लेकिन नई व्यवस्था के तहत एक मार्च से एक तिहाई भट्ठे ही चल पाएंगे।
वहीं वीरवार को ड्रा के लिए बैठक बुलाई गई थी। लेकिन भट्ठा संचालकों की तरफ से ज्ञापन देकर कोर्ट में केस होने की वजह से अभी और समय देने की मांग की है। इसकी कापी उन्होंने एडीसी कार्यालय में भी दी है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और जल्द ही ड्रा के लिए अगली बैठक रखी जाएगी।