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हिमाचल प्रदेश: शिमला में बेटी के दिल में छेद, वहीं अब खर्च चलाना भी मुश्किल।

हिमाचल प्रदेश: शिमला में बेटी के दिल में छेद, वहीं अब खर्च चलाना भी मुश्किल।

                     Vikash Vicky Goyal Reporter

हिमाचल प्रदेश। शिमाला ई बार कुदरत भी इन्सान के समक्ष ऐसी परिस्थितयां पैदा कर देती है कि वह न चाहते हुए भी दूसरों से मदद की अपेक्षा रखता है। उसे यही उम्मीद होती है कि दानी सज्जन आगे आएंगे और उसकी मदद करेंगे। इससे वह अपने स्वजन का इलाज करवा सकेगा। मंडी जिला के सुंदरनगर हलके के तहत धार गांव की 22 वर्षीय मनीषा के दिल में छेद है। 

वहीं मनीषा 12 दिन से इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दाखिल है। परिवार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। मजबूरी में पढ़ाई भी छूट गई है। मनीषा के पिता दिव्यांग व बेरोजगार हैं। इलाज के लिए गहने तक बिक चुके हैं। अस्पताल में दवा का खर्च चलाना भी अब मुश्किल हो रहा है।

वहीं मनीषा की मां लीला देवी बेटी के साथ अस्पताल में है। अब उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वित्तीय मदद की गुहार लगाई है। लीला देवी ने कहा कि उनकी बेटी आइजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती है, यहां पर उसका इलाज चल रहा है।

वहीं डाक्टरों ने पूरी जांच के बाद महिला को बताया है कि बेटी का आपरेशन संभव नहीं है। इस स्टेज पर आकर आपरेशन करने में अब जोखिम है। ऐसे में मनीषा को अब केवल दवाओं से ही कुछ राहत मिल सकती है। यही नहीं मनीषा की जो दवाएं उसे कुछ राहत दे सकती हैं, वे काफी महंगी हैं। हर माह दवाओं पर 15 से 20 हजार रुपये तक खर्च हो रहे हैं।

वहीं लीला देवी ने बताया कि वह खुद भी बीमार रहती है। घर में गरीबी के कारण अब राशन लेने की भी दिक्कत होने लगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वह उनकी बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से फंड उपलब्ध करवाएं ताकि उनकी बेटी को इस बीमारी से कुछ राहत मिल सके।