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झारखंड : धनबाद में कोरोना की तीसरी लहर में धरे के धरे रह गए आक्सीजन सिलेंडर, वहीं दूसरी तरफ़ अब भेजे जा रहे स्टाक रूम।

झारखंड : धनबाद में कोरोना की तीसरी लहर में धरे के धरे रह गए आक्सीजन सिलेंडर, वहीं दूसरी तरफ़ अब भेजे जा रहे स्टाक रूम।


धनबाद। कोरोनावायरस की तीसरी लहर संक्रमण का स्तर अब बेहद कम हो गया है। अप्रैल 2021 में आए दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी। इसी को देखते हुए तीसरी लहर में एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति कराई थी। 

वहीं इसके अलावा पीएम केयर्स फंड और कई संस्थाओं ने भी ऑक्सीजन सिलेंडर सदर अस्पताल को दिया है। अब इन सभी ऑक्सीजन सिलेंडर को स्टोर रूम में रखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है फिलहाल सभी को स्टोर रूम में रखा जा रहा है। जब भी जरूरत होगी ऑक्सीजन सिलेंडर का तत्काल उपयोग किया जा सकेगा।

वहीं पीएम केयर्स फंड की ओर से धनबाद में लगभग दो करोड़ रुपए से ज्यादा उपकरण और सामान आए हैं। इनमें मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन कंप्रेसर मशीन, मरीजों की जांच करने के हाई डिटेक्टिव स्क्रीन, छोटे उपकरण शामिल है। वही एक दर्जन संस्था ने भी विभिन्न प्रकार के भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर स्वास्थ्य विभाग को दिया है। 

वहीं फिलहाल इन सभी उपकरण को सदर अस्पताल के स्टोर रूम में रखा जा रहा है। फिलहाल सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से तैयार है। हालांकि उद्घाटन अभी तक नहीं हो पाया है। वहीं मेडिकल कॉलेज में दो ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं।

वहीं कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से धनबाद में आठ डेडीकेटेड कोविड-19 स्थापित किए गए थे। अभी एक डेडीकेटेड कोविड कैथ लैब में मरीजों को रखा जा रहा है। बाकी सभी सेंटर बंद है। 

वहीं दूसरी ओर जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के पदाधिकारी डॉ राजकुमार सिंह ने बताया तीसरी लहर में मात्र जरूरत मरीजों को पड़ी। वैसे मरीजों को ऑक्सीजन लगाया गया जो पहले से किसी असाध्य बीमारी से ग्रसित थे। जबकि सामान्य मरीज 4 से 5 दिनों में खुद से ठीक होते चले गए। फिलहाल सिलेंडर को स्टॉक रूम में रखा जा रहा है।