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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसिक दिव्यांग बालिकाओं को मिलेगी निशुल्क पढ़ाई की सुविधा।
लखनऊ। मानसिक रुप से बीमार बालिकाओं का ममता स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दिव्यांगन सशक्तीकरण विभाग की पहल पर लखनऊ समेत हर मंडल में ऐसे विद्यालयों में प्रवेश होगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से लखनऊ के राजकीय ममता विद्यालय में निशुल्क शिक्षा के साथ ही उसके रहने खाने की पूरी व्यवस्था होगी। छह से 18 वर्ष आयु तक की बालिकाओं को यहां इंटर तक की शिक्षा दी जाएगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश होगा।
वहीं जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि मानसिक मंदित बालिकाओं को निशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय ममता विद्यालय जीबी पंत राजकीय पालीटेक्निक के सामने विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। छह से 18 वर्ष तक की बालिकाओं को पढ़ाई के साथ ही निशुल्क रहने-खाने, वस्त्र, बिस्तर और चिकित्सा की व्यवस्था होगी।
वहीं इच्छुक अभिभावक अपनी पुत्री का दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिखाकर प्रवेश फार्म किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। परेशानी होने पर मोबाइल नंबर 9621287039 पर संपर्क किया जा सकता है। मानसिक रूप से विक्षिप्त को सामाजिक मान्यता देने की पहल भी शुरू हो रही है।
वहीं संयुक्त निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण अमित कुमार सिंह ने बताया कि आश्रय घरों का निर्माण भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। विभाग ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले निराश्रित मानसिक मंदितों को सहारा देगा। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे आश्रय घरों को खोलने की प्रक्रिया चल रही है। सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशनों, बाजारों से मानसिक मंदितों को लाकर रखा जाएगा। आश्रय घरों में मानसिक मंदितों को भोजन, कपड़ा, चिकित्सा व मनोरंजन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।