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मध्यप्रदेश : कटनी में भूमिगत नहर के निर्माणाधीन सुरंग की मिट्टी धंसने से नौ दबे अबतक सात मजदूरों की बची जान।

मध्यप्रदेश : कटनी में भूमिगत नहर के निर्माणाधीन सुरंग की मिट्टी धंसने से नौ दबे अबतक सात मजदूरों की बची जान।


मध्य प्रदेश। कटनी जिले के स्लीमनाबाद में शनिवार देर रात नर्मदा घाटी परियोजना की सुरंग धंसी, नहर की मिट्टी धंसने से नौ मजदूर दब गए। आज रविवार सुबह तक इनमें से 7 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और अंदर फंसे 2 मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है। रात करीब साढ़े सात से आठ के बीच जब मजदूर काम कर रहे थे, तभी मिट्टी बगल से धंसने लगी और मजदूर उसके नीचे दब गए।

वहीं मालूम हो कि हादसे के बाद 30 फीट गहराई में मिट्टी भर गई, जिसके कारण रेस्क्यू में समस्या आ रही थी। रेस्क्यू टीम ने मिट्टी हटाने के लिए गड्ढा किया जिससे मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके। घटना की जानकारी लगते ही बहोरीबंद विधानसभा प्रणय पांडेय भी मौके पर पहुंच गए और घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने कलेक्टर-एसपी से रेस्क्यू पर चर्चा की। 

वहीं मालूम हो कि इसकी सूचना नर्मदा विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने जिला प्रशासन को दी । सुरक्षित निकाले गए तीन मजदूर दीपक, नर्मदा व मुन्नीदास पड़कुर गांव, जिला सिंगरौली के रहने हैं। फंसे मजदूर सिंगरौली के चितरंगी, महाराष्ट्र के नागपुर व झारखंड के बताए जा रहे हैं।

वहीं जानकारी के अनुसार भूमिगत नहर में टीवीएम मशीन सतह से करीब 80 फीट गहराई में थी। मशीन के कुछ हिस्से में सुधार कार्य करने के लिए मशीन तक पहुंचने के लिए खेरमाई के पास कुआंनुमा गड्ढा खोदाई का काम चल रहा था। करीब 25 फीट गहराई में खोदाई हो जाने के साथ उसे ईंट और सीमेंट से मजबूत किया जा रहा था। तभी देर शाम दो हिस्से धंस गए। 

वहीं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के कार्यपालन ने बताया कि गड्ढे के नीचे फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें मामूली चोटें आई हैं। रेस्क्यू टीम ने अंदर जाकर दो मजदूरों से बात की है। जो मजदूर अंदर गहराई में हैं उनके लिए आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। रेस्क्यू टीम ने देर रात मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया है।

वहीं जानकारी हो कि स्लीमनाबाद हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस ने टनल में फंसे शेष 2 मजदूरों का बचाव कार्य के लिए जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। जिलाधिकारी ने कहा कि रेस्क्यू के बाद मजदूरों को जल्द से जल्द अस्पताल तक पहुंचाया गया, मजदूर सुरक्षित हैं। धीरे-धीरे मिट्टी हटाई जा रही है। एकदम से मिट्टी नहीं हटाई जा सकती। सभी मजदूर सुरक्षित हैं और प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ मालूम हो कि बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद भूमिगत नहर की लागत 799 करोड़ रुपये व लंबाई 11.95 किमी है। इसका अनुबंध मार्च 2008 में हुआ और इसे 40 माह की अवधि में जुलाई 2011 तक पूर्ण किया जाना था। मुख्यमंत्री ने संबंधितों से जून 2023 तक टनल का कार्य पूरा करने के लिए कहा है। 

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट किया कि स्लीमनाबाद क्षेत्र में बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत हो रहे टनल निर्माण के दौरान मजदूरों के दबने का समाचार मिली। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी मजदूर भाई सुरक्षित रहें।