MP NEWS
मध्यप्रदेश: इंदौर ज़िले में लता मंगेशकर के मंदिर में रोज़ सुबह होती है पूजा, वहीं उनकी प्रशंसक ने कहा-मां सरस्वती का दूसरा रूप हैं लता जी।
मध्य प्रदेश। अब तक आपने देवी-देवताओं के मंदिरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा लेकिन कभी-कभी कोई इंसान इतना पूज्यनीय हो जाता है कि उसकी पूजा होने लगती है। ऐसा ही व्यक्तित्व था भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का। इंदौर में उनकी प्रशंसक ने उनका मंदिर बनाया है और घर में पूजा करतीं हैं।
वहीं अपनी आवाज को हमारे साथ छोड़कर लताजी चलीं गईं। सशरीर वे हमारे बीच नहीं हैं मगर अपनी सुरीली आवाज के रूप में सबके दिलों में बसी हैं। लताजी का नाम आए और इंदौर का जिक्र न हो ये संभव भी नहीं क्योंकि इंदौर में ही सुरीले कंठ की धनी लताजी ने जन्म लिया और यहीं की मिट्टी में बचपन बिताया।
वहीं यहां की चौपाटी और सराफा उन्हें बहुत याद आता था। वे कहतीं थीं कि इंदौर कमाल की चीज है। मैं विलक्षण इसीलिए हूं क्योंकि इंदौर में जन्म हुआ। इसी इंदौर में लताजी का मंदिर बना है। उनकी प्रशंसक उनकी पूजा करती हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ इस प्रशंसक का नाम है वर्षा झालानी जो इंदौर के श्रीनगर क्षेत्र में रहतीं हैं। रेडियो गायिका वर्षा ने अपने घर में लता मंगेशकर का मंदिर बनाया है। विधि-विधान के साथ वे रोज लताजी की पूजा करतीं हैं। वर्षा का कहना है कि, संगीत की देवी लता दीदी हैं। लता दीदी मां सरस्वती का दूसरा स्वरूप हैं, इसलिए मेरे लिए वे भगवान से कम नहीं है।
वहीं पहले हमने इनकी फोटो भगवान के साथ रखी थी लेकिन लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचे इसलिए सुरों की देवी की तस्वीर मां सरस्वती के साथ रखी, क्योंकि वे मां सरस्वती का दूसरा रूप हैं। मैं संगीत प्रेमी हूं। संगीत कलाकार हूं। हम मां सरस्वती की पूजा करते हैं। हमने भगवान राम को नहीं देखा, लेकिन उन्हें पूजते हैं, आप सरस्वती जी को पूजते हैं उन्हें भी नहीं देखा।
वहीं लेकिन मैं जिस युग में पैदा हुई और मैंने इस रूप में जो आवाज सुनी थी, वह मां सरस्वती हैं। ये मेरी आस्था है। इसीलिए मेरी देवी लता मंगेशकर हैं जिनमें प्यार से में आई पुकारती हूं। वर्षा के अनुसार लता दीदी का उनके जीवनकाल में इंदौर से गहरा नाता रहा। अब इस शहर में उनसे जुड़ी कई यादें हैं। मैं भी इंदौर की बेटी हूं। उन्होंने मुझे बहुत दुलार व प्रेम किया। वो मुझे मोटिवेट करती थीं। अक्सर मेरे संगीत को सुनती थीं।
वहीं ये अब मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं अपने दुख को कैसे बयां करूं समझ नहीं आ रहा। लता दीदी इस दुनिया से गईं नहीं हैं। वे किसी न किसी रूप में सदैव हमारे साथ रहेंगी। गौरतलब है कि वर्षा झालानी इंदौर की एक ऐसी गायिका हैं, जिन्होंने 12 भाषाओं में लता मंगेशकर के लिए 'तुमको हमारी उमर लग जाए' गाना गाया है। वर्तमान में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर अपने गीत को प्रस्तुत करती हैं। इसके अलावा म्यूजिक कंपोज्ड करने के साथ साथ वे गाय़िका भी हैं।