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नई दिल्ली : प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ईयू रूस से बंद कर सकता है सभी तरह का आयात, वहीं कई वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने का मिल सकता है मौका।
नई दिल्ली। यूरोप के प्रमुख देशों की तरफ से रूस पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद गेहूं के साथ कई प्रकार के अन्य उत्पादों के निर्यात के अवसर भी भारत के लिए खुलते दिख रहे हैं। इनमें इंजीनिय¨रग उत्पाद के साथ केमिकल, स्टील, लौह अयस्क जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
वहीं हालांकि भारत के साथ चीन, जापान जैसे देश भी यूरोप में इन वस्तुओं का निर्यात बढ़ाना चाहेंगे। रूस यूरोपीय यूनियन को 4.3 अरब यूरो का कृषि उत्पाद व कृषि संबंधी अन्य उत्पादों के अलावा 4.1 अरब यूरो का केमिकल और चार अरब यूरो का स्टील और लौह अयस्क निर्यात करता है।
वहीं निर्यातकों ने बताया कि यूरोप के प्रमुख देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने से कमोवेश पूरा यूरोपीय यूनियन (ईयू) अब रूस से वस्तुओं का आयात बंद कर सकता है। निर्यातकों ने कहा कि वे इस अवसर को लेकर इसलिए भी आशान्वित हैं क्योंकि कोरोना काल के बाद यूरोप के देशों के बीच चीन से खरीदारी को लेकर उदासीनता आई है।
वहीं भारत के इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में यूरोपीय यूनियन की बड़ी हिस्सेदारी है। विदेश व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक भारत को केमिकल के साथ लौह अयस्क और स्टील निर्यात भी बढ़ाने का मौका मिल सकता है। इन सेक्टर में निर्यात में बढ़ोतरी इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रूस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध कितने समय तक जारी रहते हैं।
वहीं अगर यह प्रतिबंध छोटी अवधि के लिए रहा तो इसका कोई खास लाभ नहीं होगा, क्योंकि अमूमन एक-दो महीने का स्टाक कारोबारियों के पास होता है। वहीं वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भारत रूस को दो अरब डालर तो यूक्रेन को 0.5 अरब डालर का निर्यात करता है जो भारत के कुल निर्यात का एक प्रतिशत से भी कम है।
वहीं ऐसे में रूस और यूक्रेन में निर्यात नहीं होने की स्थिति में भी भारत के निर्यात पर कोई असर नहीं होगा। जहां तक आयात का सवाल है तो भारत रूस से सात अरब डालर तो यूक्रेन से दो अरब डालर का आयात करता है।