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नई दिल्ली: हाई कोर्ट ने गूगल समेत कई कंपनियों से स्पाईवेयर उपकरणों द्वारा मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की निजता के हनन पर मांगा जवाब।

नई दिल्ली: हाई कोर्ट ने गूगल समेत कई कंपनियों से स्पाईवेयर उपकरणों द्वारा मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की निजता के हनन पर मांगा जवाब।

                       Sumit Malviya City Reporter

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को सूचना की निगरानी और ब्योरा सुरक्षित करने वाले स्पाईवेयर उपकरणों द्वारा मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की निजता के हनन को उजागर करने वाली एक याचिका पर केंद्र को रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। कोर्ट ने गूगल समेत अन्य कंपनियों से भी मामले में जवाब मांगा है।

वहीं न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव ने याचिकाकर्ता एडवोकेट डिंपल विवेक की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया, जिन्होंने तर्क दिया कि मोबाइल स्पाईवेयर या मैलवेयर मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर खतरा था, जिन्हें 'पूर्ण निगरानी' के तहत रखा गया था। मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी।

वहीं जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने याचिका पर गूगल और कुछ स्पाईवेयर विक्रेताओं से भी जवाब मांगा, याचिका में केंद्र से ऐसे स्पाईवेयर की बिक्री, संचालन और विज्ञापन को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।याचिकाकर्ता ने इस तरह के स्पाईवेयर को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की भी मांग की है। 

वहीं याचिका में कहा गया है कि महिलाएं अवैध स्पाईवेयर की प्राथमिक शिकार थीं, जो निजी जानकारी एकत्र करने में सक्षम हैं। इनमें स्थान, फोन काल, संदेशों और कैमरे की जानकारियां शामिल हैं।

वहीं कोर्ट ने कहा कि 'स्टाकरवेयर' शब्द एक हालिया शब्द है जो इन उपकरणों के आक्रामक, घुसपैठ और खतरनाक दुरुपयोग की ओर ध्यान आकर्षित करता है। याचिका में कहा गया कि भारत के प्रत्येक नागरिक को निजता के उल्लंघन और स्वतंत्रता के उल्लंघन के खिलाफ राज्य द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए।