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नई दिल्ली : मेडिकल लैब टेक्नीशियन बन संवारें करियर, वहीं जानें क्या-क्या योग्यताएं है जरूरी।
नई दिल्ली। हेल्थकेयर के फील्ड में क्वालिटी मेडिकल सेवाओं पर आजकल काफी जोर दिया जा रहा है। मरीज का उपचार करने से पहले उसके रोग के बारे में सही तरीके से जांच पड़ताल करने के बाद ही डाक्टर कोई इलाज शुरू करते हैं, ताकि दवाओं के किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से बचा जा सके। यही कारण है।
बता दें कि मेडिकल लैब टेक्नीशियन का रोल बहुत बढ़ गया है, जो डाक्टरों के निर्देश पर हर छोटी-बड़ी बीमारी की विभिन्न तरह की जांच करते हैं, ताकि असली मर्ज और उसकी स्थिति का पता चल सके। इसलिए इन प्रोफेशनल्स को काम में निपुणता और जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है। छात्र इस तरह के प्रशिक्षण लैब कार्यों के दौरान ही प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं अधिकतर राज्यों में मेडिकल लैब टेक्नीशियन के लिए कोई प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ राज्यों में इन टेक्नीशियन के पास काम करने के लिए प्रमाण पत्र होना जरूरी है। प्रमाण पत्र वाले टेक्नीशियन के लिए इस क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं होती हैं। अगर यह प्रमाण पत्र आपके पास है, तो आप किसी भी लैब, हास्पिटल, पैथोलाजिस्ट के साथ काम कर सकते हैं। ब्लड बैंक में इनकी खासी डिमांड रहती है। आप बतौर रिसर्चर व कंसल्टेंट के अलावा खुद का क्लीनिक खोल सकते हैं।
वहीं मेडिकल लैब टेक्नीशियन, डाक्टरों के निर्देश पर काम करने के अलावा उपकरणों के रख-रखाव सहित दूसरे और भी कई तरह के काम करते हैं, जैसे कि लैब में नमूनों की जांच और उनका विश्लेषण में काम आने वाला घोल बनाना आदि। जांच के दौरान एमएलटी कुछ सैंपलों को आगे की जांच या फिर जरूरत के अनुसार उन्हें सुरक्षित भी रख लेता है। इसलिए एमएलटी का काम बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है। इसमें धैर्य और निपुणता की बड़ी आवश्यकता होती है।
वहीं मेडिकल फील्ड में लैब टेक्नीशियन बनने के लिए सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री तक कई कोर्सेज उपलब्ध हैं। आप अपनी रुचि और सुविधानुसार कोई भी कोर्स चुन सकते हैं। कोर्स के बाद आपको किसी पैथोलाजी लैब में इंटर्नशिप करनी होगी। लैब टेक्नीशियन के कुछ प्रमुख कोर्स हैं- सर्टिफिकेट कोर्स इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन (सीएमएलटी), डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन (डीएमएलटी) और बैचलर इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन (बीएमएलटी)।
वहीं इस तरह के कोर्स के दौरान बेसिक फिजियोलाजी, बेसिक बायोकेमिस्ट्री एंड ब्लड बैंकिंग, एनाटोमी एंड फिजियोलाजी, माइक्रोबायोलाजी, पैथोलाजी, एनवायरमेंट एंड बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, मेडिकल लैब टेक्नोलाजी व हास्पिटल से संबंधित जानकारी दी जाती है।
वहीं इस फील्ड में सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलाजी (सीएमएलटी) छह महीने का कोर्स है, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है। वहीं डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलाजी के लिए पीसीएम या पीसीबी विषयों से 12वीं पास होना जरूरी है। इस कोर्स की अवधि एक साल है। इसी तरह बीएससी इन एमएलटी के लिए 12वीं विज्ञान विषयों के साथ होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि तीन वर्ष है।
वहीं, जो स्टूडेंट एमएससी इन मेडिकल लैब टेक्नोनाजिस्ट (एमएलटी) प्रोग्राम में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनके पास पहले से हाईस्कूल डिप्लोमा होना चाहिए। इसके बाद दो साल का एसोसिएट प्रोग्राम करना होता है। यह प्रोग्राम कम्युनिटी कालेज, टेक्निकल स्कूल, वोकेशनल स्कूल या विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है।
बता दें कि डा. पूनम बछेती, मैनेजिंग डायरेक्टर, डीपीएमआइ ने बताया कि एक एमएलटी का औसत वेतन 15 हजार रुपये से शुरू होता है, जबकि पैथोलाजिस्ट को 30 से 40 हजार रुपये तक सैलरी मिल जाती है। साथ ही योग्यता और अनुभव के आधार पर यह वेतन भी बढ़ता जाता है।
1. दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली। www.dpmiindia.com.....
2. शिवालिक इंस्टीट्यूट आफ पारामेडिकल टेक्नोलाजी, चंडीगढ़। www.shivalikinstitute.org....
3. पैरा मेडिकल कालेज, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल। www.paramedicalcollege.org....
4. डिपार्टमेंट आफ पैथालाजी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़। www.amu.ac.in.....