
National News
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बजट में एम्स सहित चार प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को दिया भारी भरकम मिला बजट।
नई दिल्ली। बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के कारण एम्स हमेशा सरकार की प्रमुखता सूची में रहा है। इसकी झलक आम बजट में भी दिखी। केंद्र सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए एम्स सहित दिल्ली के चार प्रमुख केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों के लिए 7860.24 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट का प्रविधान किया। इसके तहत अकेले एम्स के हिस्से में 4190 करोड़ बजट आया है। देश के अन्य किसी भी सरकारी चिकित्सा संस्थान का इतना भारी-भरकम बजट नहीं है।
वहीं हालांकि, हाल के वर्षों में सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों में भी सुविधाएं बढ़ाने पर केंद्र सरकार का फोकस बढ़ा है। इसलिए इन अस्पतालों के लिए भी बजट में बड़ी राशि का प्रविधान किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि सात सालों में एम्स सहित दिल्ली में स्थित केंद्रीय अस्पतालों का बजट दोगुना से ज्यादा हो गया। इस वजह से सफदरजंग अस्पताल का बजट भी वर्ष 2015-16 के बाद 809.98 करोड़ से बढ़कर अब 1700 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
वहीं आरएमएल अस्पताल का बजट औसतन सबसे अधिक 170 प्रतिशत व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुड़े सुचेता कृपलानी व कलावती सरन अस्पताल का बजट करीब 165 प्रतिशत बढ़ा है। इससे उम्मीद है कि आरएमएल अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा। वहीं, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में कैंसर सेंटर सुविधाएं विकसित होंगी व अन्य ब्लाकों का निर्माण भी होगा।
वहीं पिछली बार एम्स सहित चारों प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को 7047 करोड़ रुपया मिला था। इसकी तुलना में इस बार 813.24 करोड़ रुपये का बजट अधिक मिला है। एम्स के बजट में 390 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इससे एम्स में प्रारंभिक स्तर पर शुरू 427 बेड के मातृ व शिशु ब्लाक व 200 बेड के सर्जरी ब्लाक में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ेगी।
वहीं निर्माणाधीन जेरियाट्रिक ब्लाक का काम जल्द पूरा होगा। सफदरजंग का बजट इस बार पिछली बार की तुलना में 170 करोड़, आरएमएल का बजट 145.7 करोड़ व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पतालों का बजट 108.73 करोड़ बढ़ा है। इससे इन अस्पतालों के चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा।
वहीं अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआइआइए) के लिए इस बार बजट में 227 करोड़ का प्रविधान किया गया है, जबकि पिछली बार 348.80 करोड़ आवंटित हुआ था। इस लिहाज से आयुर्वेद संस्थान का बजट घटा है, लेकिन संस्थान की निदेशक डा. तनुजा नेसारी ने कहा कि फेज-2 की विस्तार परियोजना में पंचकर्मा सेंटर व कई अन्य परियोजनाएं चल रही है।
वहीं पिछली बार उसके निर्माण के लिए अधिक बजट की जरूरत थी। अब पंचकर्मा सेंटर सहित फेज-2 की परियोजनाओं का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। लिहाजा इस बार कम बजट की मांग की गई थी। फिर भी संस्थान ने जितना बजट मांगा था उससे 60 करोड़ अधिक मिला है। इससे पंचकर्मा सेंटर व फेज-2 के ब्लाक में बेहतर चिकित्सा सुविधा विकसित कर उसे शुरू करने में मदद मिलेगी।