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नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश पर अब नहीं बच पाएंगे मरीजों को सस्ता व जल्दी जांच कराने का झांसा देकर निजी लैब ले जाने वाले दलाल।

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश पर अब नहीं बच पाएंगे मरीजों को सस्ता व जल्दी जांच कराने का झांसा देकर निजी लैब ले जाने वाले दलाल।

                        Sumit Malviya City Reporter

नई दिल्ली। एम्स में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को सस्ता व जल्दी जांच कराने का झांसा देकर निजी लैब में ले जाने वाले दलालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। एम्स के आसपास निजी लैब संचालकों की सक्रियता पर पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद से उनके निर्देश पर एम्स के सुरक्षा विभाग ने निजी लैब के दलालों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है।

वहीं इसी क्रम में पिछले चार दिनों में एम्स के सुरक्षा विभाग ने अस्पताल में सक्रिय अलग-अलग दो लैब के दो कर्मचारियों को पकड़ा है। इसके तहत 13 फरवरी को गौतम नगर में स्थित निजी लैब के एक दलाल को एम्स में पकड़ा गया है। उसके पास से एक बैग बरामद हुआ।

वहीं जिसमें वायल ट्यूब, बुखार की दवा, प्लास्टिक कंटेनर, 13 सिरिंज व कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच किट पकड़ी गई है। इसके बाद निजी लैब के दलाल को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। इसके पहले 10 फरवरी को भी को भी एक दलाल को पकड़ा गया था। जो ग्रीन पार्क स्थिति निजी लैब के लिए काम करता था।

वहीं एम्स प्रशासन के अनुसार ये दलाल मरीजों को सस्ता जांच कराने का झांसा देकर निजी लैब में ले जाते हैं। इससे पहले भी एम्स में सक्रिय कई दलाल पकड़ कर पुलिस के हवाले किए जा चुके हैं। एम्स प्रशासन ने मरीजों से अपील की है कि वे निजी लैब के कर्मचारियों व दलालों के झांसे में न आएं। एम्स की जांच रिपोर्ट बिल्कुल सटीक होती है। इसलिए मरीज बाहर जांच न कराएं।