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कोविड के बीच भारत में बढ़ी अमीरों की संख्या, पढ़ें अमीरों पर हुए सर्वे की ये खास बातें
नई दिल्ली । दौलत से खुशियां खरीदी नहीं जा सकती. भारत में हाल ही में हुए एक सर्वे के नतीजों ने भी इस बात पर अपनी मुहर लगा दी है. हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोविड के दौरान अमीरों (Dollar millionaires) की संख्या में बढ़त देखने को मिली है. हालांकि ऐसे करोड़पतियों में खुद को खुश मानने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. जानकारों की माने तो कोविड (covid) के दौरान खर्च को लेकर सतर्क रुख, खर्चों में तेज गिरावट के साथ अर्थव्यवस्था (economy) मे तेज रिकवरी के बीच निवेश मूल्य में बढ़त से करोड़पतियों को फायदा मिला है. इस सर्वे में उन करोड़पतियों को शामिल किया गया है जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर को पार कर चुकी है.
• कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2021 में भारत में ‘डॉलर मिलियनरी’ यानी सात करोड़ रुपये से अधिक की निजी संपत्ति वाले व्यक्तियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़कर 4.58 लाख हो गई .
• हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2026 तक भारत में ‘डॉलर मिलियनरी’ की संख्या 30 प्रतिशत बढ़कर छह लाख तक पहुंच जाएगी.
• रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में सबसे अधिक 20,300 ‘डॉलर मिलियनरी’ हैं. इसके बाद दिल्ली में 17,400 और कोलकाता में 10,500 ‘डॉलर मिलियनरी’ परिवार हैं.
• इस सर्वेक्षण में शामिल दो-तिहाई से अधिक डॉलर मिलियनरी ने कहा कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के लिए विदेश भेजना पसंद करेंगे, जिसमें अमेरिका उनकी पहली पसंद है.
• सर्वेक्षण के मुताबिक एक चौथाई ‘डॉलर मिलियनरी’ की पसंदीदा कार मर्सिडीज बेंज है और वे हर तीन साल में अपनी कारों को बदलते हैं.
• इंडियन होटल्स का होटल ताज सबसे पसंदीदा अतिथि सत्कार ब्रांड के रूप में उभरा, जबकि तनिष्क पसंदीदा ज्वैलरी ब्रांड है.
इस सर्वेक्षण में ऐसे 350 अमीरों से बातचीत के आधार पर पाया गया कि निजी और पेशवर जिंदगी में खुद को खुश बताने वाले लोगों की संख्या 2021 में घटकर 66 प्रतिशत रह गई, जो इसके एक साल पहले 72 प्रतिशत थी. यानि पहले के मुकाबले लोग ज्यादा दबाव में हैं. हुरुन रिपोर्ट के ये निष्कर्ष ऐसे समय में आए हैं, जब भारत में अमीरों एवं गरीबों के बीच बढ़ती असमानता को लेकर चिंता बढ़ रही है. हाल में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में भी इस असमानता पर चिंता जताई गई थी. बेहद अमीर लोगों पर अधिक कर लगाने की लगातार तेज होती मांग के बीच इस सर्वेक्षण में शामिल एक-तिहाई से भी कम लोगों का ही यह मानना है कि अधिक कर चुकाना सामाजिक जिम्मेदारी का एक निर्धारक अवयव है. हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि अगला दशक लग्जरी ब्रांडों और सेवा प्रदाताओं के लिए भारत में प्रवेश करने के लिए बेहतरीन अवसर है.