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यूपी: वाराणसी में आज से खुलेंगे सभी स्कूल, वहीं छात्रों को तिलक लगाकर किया जाएगा स्वागत।
वाराणसी। कोरोना महामारी के कारण लगभग डेढ़ माह के अवकाश के बाद कक्षा से एक से आठ तक स्कूल आज से खुल रहे हैं। बच्चे लंबी छुट्टी के बाद विद्यालय जाएंगे। शिक्षकों के साथ दोस्तों से भी मुलाकात होगी। इससे उनका उत्साह रविवार को ही देखते बना। अब डेढ़ माह से वीरान पड़े शिक्षा के मंदिर में एक बार फिर से रौनक लौटेगी। पढ़ाई के साथ धमाल-चकौड़ी भी होगी।
वहीं कोरोना संक्रमण दर कम होने से शासन ने लंबे समय बाद सोमवार से विद्यालय खोलने का आदेश दिया तो इसकी तैयारी न केवल विद्यालयों में बल्कि घरों में भी देखी गई। बच्चों के पोशाक आयरन कर दुरुस्त किए गए तो जूतों पर पालिश चढ़ा कर चमकाया गया। कापी-किताब, पेन-पेंसिल सहेज कर बैग भी तैयार हो गया। वहीं शहर से लेकर गांव तक 1343 परिषदीय विद्यालयों और 1350 मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में भी साफ-सफाई की गई।
वहीं यही नहीं कई विद्यालयों ने तिलक लगाकर बच्चों के स्वागत की तैयारी कर रखी है। साथ ही इसका भी इंतजाम किया जा रहा है कि कोविड के अन्य दिशा निर्देशों के साथ शारीरिक दूरी का भी पालन किया जा सके। वहीं अभिभावक इस बात से उत्साहित हैं कि अब बच्चों को आनलाइन क्लास मुक्ति मिलेगी और वह क्लास में जाकर पठन-पाठन करेंगे। अभिभावकों का स्पष्ट कहना है कि आनलाइन व आफलाइन क्लास में बहुत अंतर है। क्लास में बच्चे सीधे अपने अध्यापक से रूबरू होते हैं, जिससे विषय को समझना आसान होता है।
वहीं दूसरी तरफ़ बच्चों के लिए विद्यालय खुलना अच्छी खबर है। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। विद्यालय को सैनिटाइज कराया जा रहा है। बच्चों के लिए विद्यालय में हैंड फ्री सैनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था की गई है। कक्षा में बच्चों को दूर-दूर बैठाने का प्रयास किया जाएगा। बच्चे काफी दिन से विद्यालय से दूर रह चुके हैं इस कारण प्रयास रहेगा कि उन्हें विद्यालय आने में आनंद की अनुभूति हो। बच्चों से उनके अनुभवों को भी साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि बच्चे आसानी से विद्यालय के माहौल में ढल सकें।
वहीं दूसरी तरफ़ आज से विद्यालय खुलने का शासन के निर्देश आने से सभी लोग बहुत खुश है। तिलक लगाकर बच्चों का स्वागत करेंगे। कोविड़ के नियमों का पालन करते हुए बच्चों को मास्क के साथ दूर-दूर बैठाया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। डेढ़ माह के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से विद्यालय बच्चों से गुलजार होगा।
वहीं आफलाइन क्लास का विकल्प कभी भी आनलाइन क्लास नहीं हो सकता। विद्यालय खुलने से काफी खुशी है, क्योंकि बच्चों के भविष्य का सवाल है। कक्षा में बच्चों को सीखने में सहूलियत व आसानी होती है। विद्यालय खोलने का निर्देश जारी करने के लिए शासन को धन्यवाद देता हूं। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में भी स्कूल बहुत दिनों तक बंद रहा। ऐसा लग रहा था कि बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा।
वहीं सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को कोरोना निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक है। शारीरिक दूरी भी बनाकर रखनी है। साथ ही अभिभावकों से सहमति पत्र भी लेना है। इस आशय का निर्देश सभी विद्यालयों को दे दिया गया है।