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यूपी : लखनऊ विधानसभा चुनाव में अपराध पर लगाम लगाने के लिए उठा बड़ा मुद्दा।
लखनऊ। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र हमेशा संवेदनशील रहा है। कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस सतर्क रही है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार ऐसे मौके आए, जब शांति व्यवस्था प्रभावित करने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे अराजकतत्वों ने माथा टेक दिया। माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की और उन्हें जेल भेजा। यही वजह है कि अक्सर दो वर्गों में होने वाला टकराव अब समाप्त हो गया है और क्षेत्र में अमन चैन कायम है।
वहीं 15 सितंबर 2019 को सआदतगंज निवासी छह वर्षीय मासूम को ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग निवासी बबलू उर्फ अराफत ने अगवा कर लिया था। आरोपित बच्ची को टाफी दिलाने के बहाने अपने घर ले गया था, जहां दुष्कर्म के बाद उसकी चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी।
वहीं यही नहीं आरोपित ने हैवानियत की हदें पार करते हुए मासूम के शरीर पर कई जख्म किए थे। घटना से नाराज लोगों ने थाने का घेराव किया। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले लोगों को शांत कराया।
वहीं खास बात यह रही कि पुलिस ने महज छह दिन में आरोपित के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर मिसाल पेश की। पुलिस की इस कार्यशैली की काफी प्रशंसा हुई थी। लखनऊ पुलिस के लिए यह पहला ऐसा मामला था, जिसमें इतने कम समय में विवेचना पूरी करके चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी। इससे पूर्व पुलिस ने आरोपित और बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया था। 14 चश्मदीदों की गवाही, काल डिटेल रिकार्ड, ब्लड व स्पर्म समेत सभी साइंटिफिक रिपोर्ट कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर सौंपा था।
वहीं पश्चिमी क्षेत्र के चौक, इमामबाड़ा व ठाकुरगंज में पर्यटक पुराने धरोहर देखने आते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में महिलाओं के साथ अभद्रता न हो, इसके लिए अलग अलग स्थानों पर महिला पुलिस तैनात की गई है। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला पुलिस की भागीदारी बढ़ गई है और महिलाओं से होने वाले अपराध में कमी दर्ज की गई है।
वहीं एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में लखनऊ महिला अपराध में देश में दूसरे नंबर पर था। महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। लखनऊ में 102 महिलाओं से दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए थे। 2020-21 में 77 मामले सामने आए।
वहीं पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में सआदतगंज थाना है। यहां के रहने वाले श्रवण साहू के बेटे आयुष की अक्टूबर 2013 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बेटे की हत्या के मामले में श्रवण न्याय की गुहार लगाते रहे। पैरवी कर रहे श्रवण को हत्यारोपित अकील अंसारी लगातार धमकी देता रहा। इसके बाद फरवरी 2017 में अकील ने श्रवण की हत्या करवा दी।
वहीं श्रवण की हत्या से नाराज व्यापारी सड़क पर उतर गए। कानून व्यवस्था प्रभावित हो गई थी और हर तरफ लोगों में गुस्सा था। एक माह बाद मार्च 2017 में नई सरकार के गठन के बाद इस मामले की सीबीआइ जांच के आदेश हुए और आरोपितों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की गई। हत्यारोपित अकील जेल में है।