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यूपी: सोनभद्र की सीमा से सटे हैं छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार व मध्य प्रदेश, बजट में वाइब्रेट विलेजस कार्यक्रम से होगा फायदा।
सोनभद्र। केंद्र सरकार ने मंगलवार को आम बजट जारी किया है। इसमें सरकार ने सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेट विलेजस कार्यक्रम चालू करने का निर्णय लिया है। इससे पड़ोसी राज्यों की सीमा से सटे सोनभद्र के गांवों के विकास की उम्मीद बढ़ गई है। इस कार्यक्रम में शामिल होने से सीमावर्ती गांवों को लाभ मिल सकता है। सोनभद्र चार राज्यों मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ व बिहार की सीमा से सटा हुआ है। इस लिहाज से बजट में पूर्वांचल के हिस्से भी कुछ आया है।
वहीं झारखंड सीमा पर विंढमगंज थाना क्षेत्र के धरतीडोलवा, बुटबेढ़वा, मूड़ीसेमर, मेदनीखाड़, सुखड़ा, छतवा, हरपुरा गांव जुड़े हुए हैं। जबकि बरखोरहा गांव छत्तीसगढ़ व झारखंड दोनों राज्यों की सीमा से जुड़ा है। इसी तरह मांची थाना क्षेत्र के मड़पा, सरईगाढ़, दरमा, सूअरसोत, बांकी, महुली, तेनुआ आदि गांव बिहार राज्य की सीमा से सटे हुए हैं।
वहीं जबकि बसुहारी गांव बिहार व झारखंड दोनों राज्यों की सीमा से सटा है। कोन थाना क्षेत्र का खरौंधी, बागेसाेती, नकतवाद, सोननदी के पार के गांव पोखरिया, मिश्री, बरवाखाड़ गांव बिहार व झारखंड की सीमा से सटे हुए हैं। इसी तरह दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के नाचनटांड, सुंदरी, कोरची, गोहड़ा गांव छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे हैं।
वहीं घोरावल थाना क्षेत्र के बर्दिया, भरहरी, नेवारी, कुड़ारी, शिल्पी गांव मध्य प्रदेश की सीमा से सटा है। आसनडीह समेत कुछ अन्य गांव छत्तीसगढ़ सीमा से सटे हुए हैं। यदि केंद्र सरकार ने वाइब्रेट विलेजस कार्यक्रम मेें इन सीमावर्ती गांवों का चयन किया तो इनका विकास तेजी से होगा। सोनभद्र देश के अति पिछड़े जिलों में शामिल है।
वहीं यहां विकास के तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन सीमावर्ती गांवों में सही मायने में अब भी विकास की दरकार है। ऐसे में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केंद्र सरकार का वाइब्रेट विलेजस कार्यक्रम जिले के दर्जनों गांवों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।