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यूपी: चंदौली के चंधासी कोल मंडी में डंप हो रहा पावर प्रोजेक्ट का कोयला, सोनभद्र से हिरासत में लिया गया जालासाज।

यूपी: चंदौली के चंधासी कोल मंडी में डंप हो रहा पावर प्रोजेक्ट का कोयला, सोनभद्र से हिरासत में लिया गया जालासाज।

                 Shubham Kumar Gupta Reporter

चंदौली। पावर प्रोजेक्ट से बिजली उत्पन्न करने के लिए जाने वाले कोयले कोल डिपो में डंप हो रहा है। चंधासी, जौनपुर, मीरजापुर, रामनगर सहित अन्य मंडियों में कोयला पहुंचा रहा है। यह पूरा खेल अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा है। कई बार छापेमारी की गई, लेकिन आज तक एक भी कारोबारी पर एफआइआर तक नहीं हुआ। हालांकि, अनपरा से गलत बिल बनाने वाला जालसाल को हिरासत में लिया गया है। लंबे समय से चल रहे इस खेल में राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। चंधासी मंडी में रोजाना 15 से 16 टन लिंकेज का कोयला आ रहा है।

वहीं लिंकेज कोयले के ट्रकों को पकड़े जाने के बाद खलबली मची है। एनसीएल (नार्दन कोल लिमिडेट) से लिंकेज कोयले मंगाने वाले कारखानों की लिस्टी मांगी गई है। संभावना है कि दो दिनों में उन व्यापारियों का नाम सामने आ जाएगा, जो लिंकेज का कोयला डिपो में मंगवाते हैं। वहीं कोयला मंडी में कोयले का अवैध कारोबार जमकर हो रहा है। रोजाना हो रहे लाखों के इस अवैध कारोबार से पुलिस प्रशासन बिल्कुल अनजान है। हालांकि कभी कभार पुलिस कार्रवाई करती है। 

वहीं लेकिन इस गोरखधंधे पर पूरी तरह विराम नहीं लग पा रहा है। स्थानीय कोल मंडी में धनबाद, रानीगंज, आसनसोल, सिंगरौली व दुद्धिचूहा के खदानों से कोयला आता है। खदानों से लिंकेज (सब्सिडाइज दर) के कोयले के खरीद फरोख्त होती है। सस्ते दर पर कोयला लेकर महंगे दामों पर बेचा जाता है। कोयले मंडी में भ्रष्टाचार को लेकर कई तरह का खेल चल रहा है। मंडी के भ्रष्टाचार को उजागार करने के लिए सीबीआइ कई बार छापेमारी कर चुकी है। 

वहीं अभियान के कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक चला है। कुछ दिन बाद भ्रष्टाचार का खेल फिर से बदस्तूर जारी हो जाता है। ऐसा लगता है कि व्यापारियों को सीबीआइ तक का डर नहीं रहा। अब एक बार फिर से जीएसटी की एसआइबी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन ब्रांच) टीम के धमकने से कोल व्यापारियों की धुकधुकी बढ़ गई है।