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यूपी: वाराणसी में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सीएनजी की मांग बढ़ी, वहीं जनपद में प्रदूषण का स्‍तर भी हुआ कम।

यूपी: वाराणसी में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सीएनजी की मांग बढ़ी, वहीं जनपद में प्रदूषण का स्‍तर भी हुआ कम।


वाराणसी। वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। यही नहीं पेट्रोल और डीजल को भी सीएनजी ने नियंत्रित कर दिया है। इसके साथ ही दिनों दिन पेट्रोल व डीजल के वाहन घट रहे हैं और ठीक इसके विपरीत सीएनजी के वाहनों की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यह तथ्य जिले में अप्रैल 2018 से सीएनजी के आगमन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अभी तक हुए परिवर्तन में सामने आया है।

वहीं वर्तमान समय में सीएनजी धरती की सुरक्षा के लिए जरूरी हिस्सा बनती जा रही है। इसका प्रमुख कारण है इसमें प्रदूषणरहित गुण का होना। कुछ साल पहले तक बनारस की आबोहवा में खासकर सर्दी के मौसम में सांस लेना दूभर हो रहा था। इस बार बनारस इससे मुक्त है। इसके पीछे सीएनजी के अधिकाधिक उपयोग को भी कारक माना जा रहा है। 

वहीं बीते तीन सालाें में सीएनजी के उपयोग पर नजर डालें तो आज लगभग 8000 छोटे-बड़े वाहन सीएनजी आधारित हुए हैं और इसकी संख्या हर माह बढ़ती जा रही है। इसमें नए और पुराने वाहन सीएनजी में परिवर्तित दोनों शामिल हैं। विभाग ने भी इस कमी का एक कारण सीएनजी के बढ़ते विस्तार को भी स्वीकार किया है। शहर में 15 सीएनजी स्टेशन हैं।

वहीं जिसपर आटो, कार, छोटे मालवाहक व लंबी दूरी के ट्रक और गंगा में नावों सीएनजी दी जा रही हैं। बढ़ती महंगाई में भी सीएनजी ने लोगों को पेट्रोल व डीजल से विमुख किया है। सीएनजी का वर्तमान मूल्य 64.98 रुपये प्रतिकिलो है। उदाहरण स्वरूप एक किलो सीएनजी में एक आटो 35 से 40 किमी की दूरी तय करता है जबकि पेट्रोल आधारित आटो लगभग 25 किमी ही चलता है। ऐसे में 10 से 15 किमी का अंतर एक वाहन संचालक को 1000 से 1500 रुपये की बचत कर रहा है।

वहीं दूसरी तरफ़ सालों की तुलना में इस बार प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 19-20, 20-21 व 21-22 में लगातार गिरना शुरू हुआ है। इसके लिए सीएनजी को भी कारक माना जा रहा है। अप्रैल 2018 से लेकर अभी तक सीएनजी में लगातार विस्तार हो रहा है। हर दिन 40-45 हजार किलो सीएनजी वाहनों में दिए जा रहे हैं। बहुत जल्द इसकी संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए स्कूलों और अन्य जगहों पर लगे वाहनों को सीएनजी में बदलवाने की तैयारी जारी है।