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यूपी: गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के प्रो. कमलेश ने शुरू किया चौथे चरण का सत्याग्रह।

यूपी: गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के प्रो. कमलेश ने शुरू किया चौथे चरण का सत्याग्रह।


गोरखपुर। निलंबन वापसी के बाद भी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह को हटाने की मांग को लेकर हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त चौथे चरण के सत्याग्रह के लिए प्रशासन भवन परिसर में बैठे। उधर निलंबन रद होने के बाद नौ फरवरी को उन्होंने विभाग में एक बार फिर कार्यभार ग्रहण कर लिया।

वहीं तीन फरवरी को उच्‍चस्तरीय जांच समिति के आग्रह पर प्रो. कमलेश ने आठ फरवरी तक के लिए अपना चौथे चरण का सत्याग्रह स्थगित कर दिया था। बुधवार को दोपहर बाद साढ़े तीन बजे से साढ़े चार बजे तक उन्होंने प्रशासनिक भवन परिसर स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह किया। उन्होंने कहा कि मेरा निलंबन और सात प्रोफेसरों का एक दिन का वेतन कटौती आंदोलन का कारण नहीं था, वह हमारे सत्याग्रह का परिणाम था।

वहीं निलंबन रद किया जाना कभी मेरी मांग नहीं रही। मेरी सिर्फ एक मांग है कि कुलपति को उनके पद से हटाया जाए। यदि मेरे आरोप गलत हैं तो मुझे सजा दी जाए। सत्याग्रह के दौरान शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. अजेय गुप्ता, प्रो. चंद्रभूषण अंकुर व प्रो.अरविंद त्रिपाठी आदि ने पहुंचकर अपना समर्थन दिया।

वहीं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने लखनऊ स्थित राजभवन में नौ फरवरी को राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में चल रहे अध्ययन अध्यापन, शोध कार्यों के साथ सीबीसीएस मोड में आयोजित हो रहीं सेमेस्टर परीक्षाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी।

वहीं कुलपति ने कुलाधिपति को विश्वविद्यालय की ओर से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के तहत सीबीसीएस पैटर्न को स्नातक, परास्नातक के साथ पीएचडी कोर्स में भी सफलतापूर्वक लागू करने जैसे कार्यों से अवगत कराया। विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में भी सभी के सहयोग से सीबीसीएस पैटर्न का संचालन कराने के साथ साथ सेमेस्टर सिस्टम में परीक्षाओं के सकुशल संचालन की जानकारी दी गयी। कुलपति ने बताया की नैक मूल्यांकन और एनआइआरएफ रैंकिंग में उच्‍च स्थान प्राप्त करने को लेकर विश्वविद्यालय में जोर-शोर से तैयारी चल रही हैं।