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यूपी : अलीगढ़ की बेपरवाह व्यवस्था में 'लापता' हुई आधी सड़क।

यूपी : अलीगढ़ की बेपरवाह व्यवस्था में 'लापता' हुई आधी सड़क।


अलीगढ़। ऐसा हो नहीं सकता, मगर हो गया। नगर निगम है, कुछ भी हो सकता है। यहां एक सड़क का आधा हिस्सा लापता है। राहगीर हैरान रह जाते हैं। आधी सड़क काे खोजते हैं तो मकान, दुकान नजर आते हैं। पता चलता है कि सड़क इन्हीं के नीचे दबी हुई है। 

वहीं सड़क पर जिन लोगों ने वर्षाें पूर्व मकान, दुकान बनवा लिए, वे वहीं स्थापित हो गए। नगर निगम ने इन्हें टोका नहीं, बल्कि एक कारनामा और कर डाला। सड़क का जो हिस्सा बचा था, उसके किनारे नाला निर्माण कराकर अवैध कब्जे वैध कर दिए। जो सड़क कभी 72 से 88 फीट चौड़ी थी, वह 30 से 40 फीट बची है।

वहीं महेंद्र नगर से गांव भदेसी तक जा रही इस सड़क से अवतार नगर, बाबा कालोनी आदि आबादी वाले इलाके सटे हैं। सरकारी दस्तावेजों को खंगालें तो कालीदह पोखर के एक छोर से सड़क की चौड़ाई 88 फीट है, आगे जाकर चौड़ाई 72 फीट है। 20 साल पहले तक सड़क के किनारे खेत हुआ करते थे। 

वहीं किसानों ने प्रापर्टी डीलरों को खेत बेच दिए तो सड़क पर ही कालोनियां कटने लगीं। किसान भी कम सयाने नहीं थे, प्रापर्टी डीलरों की कारस्तानी देख उन्होंने भी अपने मकान, दुकान आगे बढ़ा लिए। चबूतरे बनवा दिए। सरकारी तंत्र आंखें मूंदे रहा। तीन साल पहले नगर निगम ने यहां पोखर के छोर से 30 फीट चौड़ी आरसीसी सड़क बनाई थी। 

वहीं तब पैमाइश नहीं की गई। जितनी जगह सड़क के लिए नजर आई, आरसीसी डलवा दी। पिछले साल एक ओर 109 मीटर नाले का निर्माण हुआ, तब भी दस्तावेजों पर नजर नहीं डाली। अब 50 लाख के बजट से 500 मीटर नाले का निर्माण हो रहा है। अतिक्रमण के बाद जो जगह बची है, वहीं निर्माण कराया जा रहा है। 

वहीं कुछ बुद्धजीवी भी हैं, जो अपनी हद में ही रहे। सड़क पर हुए निर्माण को खुद ही ढहा लिया। हुआ ये कि नाला सीध में न होकर आड़ा-तिरछा निकल रहा है। निर्माण विभाग के अफसरों को सड़क पर हुए कब्जे की जानकारी है, लेकिन कार्रवाई की हिम्मत न जुटा सके।

वहीं सड़क कब्जा चुके लोग पीछे हटने को राजी नहीं है। पिछले दिनों नगर निगम की टीम से कुछ लोगों का विवाद हो गया। चबूतरा ढहाने की बात पर इन लोगों ने कह दिया पहले सामने वाली पटरी से अतिक्रमण ढहाओ। कब्जाई जमीन छोड़कर वहां भी नाला बना है। विरोध से सहमे अफसरों ने वैसा ही किया, जैसा लोगों ने कहा। अब नाला निर्माण होने से अवैध कब्जे वैध हो गए हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ 2019-20 में 11 अरब रुपये की संपत्ति कब्जा मुक्त करा चुका नगर निगम एक सड़क नहीं बचा पा रहा। तत्कालीन नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल की अगुवाई में तब सेंटर प्वाइंट, रामघाट रोड, जीटी रोड पर अभियान चलाए गए। मैरिज होम, हास्पिटल, पेट्रोल पंप आदि ढहाए गए थे। अब भदेसी रोड को कब्जा मुक्त कराने में अफसरों की इच्छा शक्ति जवाब दे रही है।

वहीं अरुण कुमार गुप्त, प्रभारी नगर आयुक्त ने बताया कि यह गंभीर बात है। किसी सड़क पर अतिक्रमण है तो बिना अतिक्रमण हटाए न सड़क बन सकती है, न नाला निर्माण कराया जा सकता। इसकी जांच कराएंगे। पुन: पैमाइश कराने के बाद ही आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।