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यूपी: वाराणसी के मिर्जामुराद में जलनिगम की पाइपलाइन टूटने से घरों में नहीं पहुंच रहा पीने का पानी।
वाराणसी। जल ही जीवन है। जल की एक-एक बूंद बचाने की नसीहत तो बहुत दी जाती हैं, पर उसका पालन नहीं होता। जलनिगम विभाग की उदासीनता से रोजाना हजारों लीटर पेयजल बहकर बर्बाद हो रहा है और विभाग बेखबर हैं। पाइपलाइन टूटने से मिर्जामुराद कस्बा में राने चट्टी के पास बांयी पटरी पर कनेक्शन धारक ग्रामीणों के घर तीन दिन से पेयजलापूर्ति ठप है।
वहीं पीने का पानी न मिलने से ग्रामीण परेशान हैं।ग्रामीणों को पानी के लिए डिब्बा- बाल्टी लेकर इधर -उधर भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि मांग के सापेक्ष जलापूर्ति नहीं हो पाने से लोगों को अभी सर्दी में ही भटकना पड़ रहा है गर्मियों की हालत तो और भी चिंताजनक हो जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ मिर्जामुराद के गौर गांव में ग्राम समूह पेयजल योजनांतर्गत जलनिगम का नलकूप व टैंक बना है। मिर्जामुराद कस्बा में फ्लाइओवर के नीचे हाइवे किनारे बिछाई गई भूमिगत पाइपलाइन तीन दिन पूर्व टूट गई। जलनिगम पर सूचना देने के बावजूद उसे ठीक नहीं किया गया। दस दिन पूर्व भी पाइपलाइन टूट गई थी। विभाग द्वारा मरम्मत न कराने पर अंततः समाजसेवी शैलेन्द्र उर्फ अनिल चौबे ने खुद निजी खर्च से पाइपलाइन को ठीक कराया था।पाइपलाइन में कई जोड़ होने के साथ ही घुमावदार होने के कारण जलापूर्ति होने पर पानी के प्रेशर से पाइप टूट जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ श्यामा माता आश्रम के पास भी दो महीने से पाइपलाइन में लीकेज होकर पड़ा है। जलापूर्ति के समय पाइपलाइन से पेयजल खेत में बह कर बर्बाद हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जेई को फोन मिलाने पर उनका मोबाइल ही रिसीव नहीं होता। इस बाबत जब जेई से सम्पर्क का प्रयास किया गया तो मोबाइल स्विच आफ बताता रहा। रमेश विश्वकर्मा, मनीष, अनिल, विजय, राजू, मोनू चौबे, श्रीराम, अजय सिंह, धीरज, रिंकू, जितेंद्र समेत अन्य ग्रामीणों ने पाइपलाइन को तत्काल ठीक करा जलापूर्ति व्यवस्था को बहाल कराने की मांग की हैं।