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यूपी : वाराणसी में अब क्षमता के अनुसार नावों में होगी सवारी, वहीं नगर निगम लगा रहा स्टीकर।

यूपी : वाराणसी में अब क्षमता के अनुसार नावों में होगी सवारी, वहीं नगर निगम लगा रहा स्टीकर।

                                   S.K. Gupta Reporter

वाराणसी। काशी आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं के अलावा आसपास से आए लोग भी नाव पर बैठकर घाटों की आकर्षक छटा निहारते हैं लेकिन अधिक कमाई के चक्कर में नावों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को भरे जाने से इनकी जान का खतरा बना रहता है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए नावों पर ही यात्री धारक क्षमता का स्टीकर लगाने का काम शुरू कर दिया है।

वहीं नगर निगम के कर्मी विभिन्न घाटों पर पहुंचकर नावों के दोनों तरफ स्टीकर लगा रहे हैं। नावों पर आठ, 10, 16, 20, 25, 30, 40, 50, 60 जैसी क्षमता है वैसा स्टीकर लगाया जा रहा है। पानी में स्टीकर के खराब होने के सवाल पर कर्मियों ने बताया कि यह स्टीकर पूरी तरह से वाटरप्रूफ है, जिस पर पानी का कोई असर नहीं होगा। हां इसको फाड़ दिया जाए तो बात अलग है। 

वहीं अपर नगर आयुक्त ने बताया कि नावों पर तो स्टीकर लगाया ही जा रहा है, साथ स्टीकर सुरक्षित भी रखे जाएंगे। अगर किसी नाव का स्टीकर किसी कारण से फट जाता है या कुछ हो जाता है तो नाविक नगर निगम से स्टीकर प्राप्त कर सकते हैं। बगैर स्टीकर के नाव पाए जाने पर लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं नगर निगम में कुल 1116 नाव पंजीकृत हैं। अभी तक दो सौ नावों में स्टीकर लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए नावों पर यात्री धारक क्षमता का स्टीकर लगाया जा रहा है। अभी तक दो सौ नावों पर स्टीकर लगाया जा चुका है। शेष पर स्टीकर लगाने का काम महाशिवरात्रि तक पूरा कर लिया जाएगा।

वहीं नगर निगम, मेकान व होंडा की ओर से नाविकों के लिए चले तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन गुरुवार को हो गया। इस दौरान असि घाट पर नाविकों को सीएनजी इंजन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में नाविकों को बताया गया कि किस प्रकार से सीएनजी इंजन का रखरखाव करना है ताकि उसे लंबे समय तक संचालित किया जाए। 

बता दें कि किसी तरह की गड़बड़ी आने पर दो साल के लिए मरम्मत कार्य पर किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगेगा। इस दौरान नाविकों की सीएनजी इंजन से संबंधित समस्या भी सुनी गई। जिसका निराकरण होंडा के नेतृत्व में दिव्या इंटरप्राइजेज के नीतीश व इकोफ्यूल के राजन ने बताया। इस प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में नाविकों ने हिस्सा लिया।

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता गेल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी गौरी शंकर मिश्रा ने किया। उन्होंने गेल द्वारा सीएसआर के अंतर्गत किए जा रहे लोक कल्याण के कार्यक्रमों की जानकारी विस्तार से दी। वाराणसी स्मार्ट सिटी के अधिकारी सुमन राय ने सीएनजी के लाभों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे गंगा को प्रदूषण से मुक्त रखने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन मेकान के अधिकारी अजय कुमार दमाथिया ने किया। 

वहीं उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण का उद्देश्य था कि नाविकों को सीएनजी इंजन के प्रयोग के लिए उत्साहित किया जाए। साथ ही यह भी मकसद था कि सीएनजी इंजन के संचालन में जो भी दिक्कत आ रही है, उसे दूर किया जा सके। नाविकों के आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

वहीं इसमें नाविकों का भी पूरा सहयोगी मिला। कार्यक्रम में नाविक समाज के भरत मांझी, गोरख नाथ मांझी, ग्वाल साहनी व दीपक साहनी ने सीएनजी इंजन के संचालन से संबंधित अपना अनुभव साझा किया। नगर निगम से कर्नल मौर्य व संजय ने भी अपने विचार रखे।