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यूपी : वाराणसी में विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रचार की गाड़ी का इंजन बना आइटी सेल।

यूपी : वाराणसी में विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रचार की गाड़ी का इंजन बना आइटी सेल।

                           Vinit Jaiswal City Reporter

वाराणसी। कोरोना महामारी ने जीवन के कई पक्षों की तरह चुनाव प्रचार और पार्टियों के संगठन में भी बदलाव ला दिया। पार्टियों में जो आइटी सेल परदे के पीछे काम करती थी वो एकाएक सामने आ गई। विज्ञापन सामग्री और प्रचार के अन्य साधनों पर रोक ने पार्टियों में इस विभाग का महत्व एकाएक बढ़ा दिया। विधानसभा चुनाव के इस रण में आइटी सेल खेल का और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। पेश है भाजपा, कांग्रेस और सपा की आइटी सेल पर आधारित रिपोर्ट।

वहीं कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार का तरीका बिल्कुल बदल गया है। अब बड़ी-बड़ी रैलियों, रोड शो की बजाए इंटरनेट मीडिया पर फोकस किया जा रहा है। हर घर संपर्क अभियान के साथ ही हर मोबाइल को टारगेट किया गया है। भाजपा ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। जिला व महानगर के साथ ही काशी क्षेत्र से जुड़ी विधानसभा सीटों को केंद्रित कर मीडिया सेल का गठन किया गया है। 

वहीं युवाओं की तकनीकी टीम भाजपा की नीतियों व सिद्धांतों के साथ ही विपक्षी दलों पर प्रहार कर रही है। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेशचंद श्रीवास्तव की संस्तुति पर आइटी सेल में युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है। क्षेत्रीय संयोजक के तौर पर विजय गुप्ता व डा. कुंवर पुष्पेंद्र को नामित किया गया है। 

वहीं गुलाबबाग में छोटी टीम लगाई गई है। यहां से महानगर की तीन विधानसभा सीटों के साथ ही वाराणसी संसदीय क्षेत्र में शामिल रोहनिया व सेवापुरी विस सीट के लिए कार्य किया जा रहा है। काशी क्षेत्र कार्यालय में बड़ी टीम लगाई गई है। आइटी सेल की ओर से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मिले निर्देशों को मिनटों में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक सूचना भेजी जा रही है। 

वहीं जो भी कंटेंटस वायरल करना है उसे भी कार्यकर्ताओं के वाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किया जा रहा है। विपक्षी दलों की ओर से फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप, ट्वीटर पर जो भी पोस्ट किया जा रहा है उसका जवाब भी दिया जा रहा है। कोई ऐसा कंटेंट्स इंटरनेट मीडिया पर न पोस्ट हो जाए, इसके लिए विशेषज्ञों की स्क्रीनिंग टीम भी बनाई गई है जो भेजी गई सूचनाओं का अध्ययन करती है। इस कार्य के लिए 50 से अधिक युवाओं की टीम लगाई गई है।

वहीं दूसरी तरफ़ वर्चुअल प्रचार में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। पिछले करीब एक महीने से विधानसभावार वाररूम काम कर रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस के विधानसभा प्रभारी संभाले हुए हैं। कांग्रेस के आइटी सेल का कार्यभार देख रहे विनीत चौबे ने बताया कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की ओर से छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य प्रदेश, राजस्थान के विधायकों को उत्तर प्रदेश में विधानसभावार जिम्मेदारी दी गई है। 

वहीं वर्चुअल प्रचार भी उन्होंने प्रारंभ कर दिया। भले ही अभी मात्र दो ही प्रत्याशी जिले में घोषित किए गए हैं पर सभी क्षेत्र में प्रचार हो रहा है। हम पार्टी की नीति, रीति, जनता से जुड़ी समस्या आदि को लेकर लोगों के पास वर्चुअली पहुंच रहे हैं। प्रत्येक विस क्षेत्र में दो-दो कंप्यूटर पर स्थानीय लड़कों को लगाया गया है। उन्हें हमारी आइटी सेल की टीम प्रशिक्षित की है।

वहीं कोरोना की वजह से रैली, जनसभा आदि पर लगे प्रतिबंध की वजह से चुनाव-प्रचार का जरिया वर्चुअल हो गया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी का आइटी सेल लखनऊ से पूरे प्रदेश के जिलों को जोड़े हुए है। इसी क्रम में वाराणसी के आठ विधानसभा क्षेत्रों में सपा कार्यकर्ता 72 व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जनता तक अपनी पहुंच बनाए हुए हैं।

वहीं वर्चुअल प्रचार की जिम्मेदारी संभाले वाले सपा के मनोज यादव गोलू ने बताया कि अभी जिले स्तर पर कोई आइटी सेल काम नहीं कर रहा है। लखनऊ में जिम्मेदारी संभाल रही टीम वहां से यहां के विधानसभावार आइटी पदाधिकारियों को मैसेज, वीडियो, फोटो आदि भेजते हैं। प्रत्येक विधानसभा में नौ-नौ ग्रुप बने हैं।

वहीं विधानसभावार पदाधिकारी उन मैसेज को आगे अपने द्वारा संचालित सैकड़ों ग्रुपों में, कार्यकर्ताओं, समर्थकों के व्हाट्सएप नंबरों पर डालते हैं। साथ ही फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम पर भी मैसेज अपलोड किए जा रहे हैं। हम प्रतिदिन करीब 50 हजार लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। यहां पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही हम लोकल स्तर पर एक कार्यालय खोलेंगे।