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यूपी: मऊ के जेल में कई खूंखार अपराधी बंद, वहीं चैन से काम कर रहे बुनकर और कारोबारी।

यूपी: मऊ के जेल में कई खूंखार अपराधी बंद, वहीं चैन से काम कर रहे बुनकर और कारोबारी।


मऊ। 18वीं विधानसभा चुनाव का रंग धीरे-धीरे चटख हो रहा है। वसंत की रंगत के बीच चौतरफा शब्द बाणों से सियासत गरमाई हुई है। पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं। जनपद की हर सीट पर लगभग स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था व अपराध का मुद्दा यहां हावी है। ऐसे में इस राजनीति से अलग हटकर जनपद के आम लोगों का नजरिया भी देखते हैं।

वहीं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष व कपड़ा व्यापारी डा. रामगोपाल गुप्ता कहते हैं कि हम जैसे कारोबारी रात में दुकान बंद करके घर जाते थे तो डर लगता था कि कहीं चोरी न हो जाए। खुद को असुरक्षित महसूस करते थे। सराफा व्यापारी मनीष का कहना है कि ज्यादातर कारोबार शहर सहित मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र में होता है। साड़ी कारोबारी अपना माल बेचकर वापस आता था तो कैश लेकर लौटकर आने में खतरा रहता था। सराफा दुकानदारों के साथ आए दिन घटनाएं होती रहती थीं।

वहीं अब पुलिस सहयोग कर रही है। इन कारोबारियों की बातों को अपराध के आंकड़े भी बल देते हैं। वर्ष 2016 से 2021 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो तस्वीर बदलती दिखाई दे रही है। साल-दर-साल अपराध के मामलों में लगातार कमी आई है। व्यापारियों का कहना है कि अब अपराधियों से डर नहीं लगता है। पुलिस उन्हें या तो जेल में डाल चुकी है या उनकी बोलती बंद कर दी है।

वहीं मधुबन विधानसभा स्थित रामपुर बेलौली गांव निवासी हरिश्चंद्र राय का कहना है कि पहले तिराहे व चौराहों पर अराजकतत्वों का जमावड़ा लग रहता था। बेटियों और महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो गया था। भाजपा सरकार के आते ही यह सब बंद हो गया। अब रात हो या दिन, किसी में हिम्मत नहीं जो महिलाओं की ओर देख तक सके। 

वहीं सदर विधानसभा के बक्तावरगंज निवासी अजय राय ने कहा कि अब हर जगह जनता की सुनी जा रही है। पुलिस व थाने भी एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई कर रहे हैं। पहले ऐसा नहीं होता था। लोग थानों का चक्कर लगातेे-लगाते थक जाते थे। दोहरीघाट के बबलू सोनकर की मानें तो चौराहों व तिराहों पर भी पुलिस तैनात रहती है। इससे लगता है कि कानून का राज कायम है।

वहीं माल लाने व ले जाने पर पुलिस व्यापारियों का उत्पीडऩ करती थी। अब व्यापारी बेखौफ होकर अपना कारोबार कर रहे हैं। वह माल कहीं भी लेकर जाएं लेकिन पुलिस परेशान नहीं करती है। 2017 से पहले कोई भी व्यापारी कहीं भी सुरक्षित नहीं था। वह अगर घर से निकला तो कहां लूट का शिकार हो जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। कानून का राज स्थापित हुआ है।

वहीं कुछ साल पहलेे तक हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। वह रात तो छोडिए दिन में भी बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझती थीं। अब बहुत परिवर्तन हुआ है। बेटियां आसानी से स्कूल जा रही हैं और कारोबार भी कर रही हैं। 

वहीं माफिया के गिरोह से जुड़े एक-एक अपराधियों, नामचीन सफेदपोशों, कोल माफियाओं, भू-माफियाओं, वसूली माफिया आदि की कुंडली तैयार कर मुख्तार गिरोह के फैले आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त किया जा रहा है। जनपद में जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के मामले में पत्नी के नाम मुकदमा दर्ज किया गया तो दोनों बेटों के नाम की जमीन को भी जब्त कर ली गई है। 
वहीं मुख्तार अंसारी के खासमखास गणेश मिश्रा की लगभग 75 करोड़ कीमत की जमीन पर कार्रवाई की गई है। 2007 से 2012 के बीच मायावती सरकार ने मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई की थी। इसमें मछली व्यवसाय के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हुई। एकबारगी ऐसा लगा था कि गैंग टूट गया है परंतु समय के साथ एक बार फिर गिरोह फला-फूला। 

वहीं गिरोह ने मऊ सहित पूर्वांचल में एक बार फिर अपना सिक्का जमाया। 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही योगी सरकार ने मुख्तार गिरोह को एक बार फिर निशाने पर लिया। गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, वाराणसी सहित पूर्वांचल में पीडब्ल्यूडी, जिला पंचायत व आरइएस के ठेकों पर सिक्का जमाए मुख्तार गिरोह की धमक खत्म करने का काम किया।

वहीं गिरोह से जुड़े सफेदपोशों, भू-माफियाओं व ठेकेदारों की संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जाने लगा। एक-एक अवैध संपत्ति की जांच के बाद होने वाली कार्रवाई से गिरोह के जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं। यही नहीं इनके करीबियों के ठेकेदारी के लाइसेंस जहां निरस्त कर दिए गए, वहीं असलहा भी जब्त कर लिया गया।

वहीं जनपद में चार विधानसभा सीटें हैं। इसमें व्यापारिक गतिविधियों पर नजर डालें तो वलीदपुर, मुहम्मदाबाद गोहना, कोपागंज, अदरी, खैराबाद, घोसी, मधुबन व दोहरीघाट में ज्यादातर व्यापारिक गतिविधियां संचालित होती हैं। यहां भी कोई ऐसी बड़ी घटना नहीं हुई जिससे व्यापारियों को सड़क पर आना पड़ा हो।

वहीं पुलिस आंकड़े बता रहे हैं कि पांच साल में डकैती की मात्र चार घटनाएं हुई हैं। इससे पूर्व कोई ऐसा माह नहीं होता था जब डकैती की घटनाएं न हुईं हों। पूरे जनपद में लूट की घटनाएं भी काफी कम हुई हैं। कुल मिलाकर आपराधिक घटनाएं आधे से भी कम हो गई हैं।

वहीं पुलिस हर समय अलर्ट रही है। जनता की हर समस्याओं का समाधान किया गया है। अपराध व अपराधियों से निबटने के लिए पुलिस टीम बनाकर कार्रवाई की है। बड़े-बड़े अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।