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यूपी : लखनऊ केजीएमयू कुलपति पर भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी सहित कई गंभीर आरोप।
लखनऊ। केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डा. बिपिन पुरी फिर सुर्खियों में आ गए हैं। उन पर डाक्टरों की भर्ती, कोरोना जांच किट की खरीद और प्रोन्नति में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन मामलों की जांच के संबंध में उप लोकायुक्त के सचिव ने चिकित्सा विभाग के अपर प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा है, जिसमें तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया गया है।
वहीं इसकी रिपोर्ट 21 मार्च तक उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। शहर के केशवनगर निवासी श्रीकांत सिंह ने केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) डा. विपिन पुरी पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें शोध सहायक के शोध अधिकारी के पद पर प्रोन्नति में नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है।
वहीं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि एम्स सहित दूसरे मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई और प्रैक्टिस किए हुए एमसीएच डिग्री धारकों का चयन न करके नेपाल से पढ़ाई करने वाले डीएनबी डिग्री धारकों का चयन किया गया है।
वहीं शिकायतकर्ता ने कोरोना जांच किट दूसरे संस्थानों की अपेक्षा महंगी दर पर खरीदने का भी आरोप लगाया है। कहा है कि संस्थानों में वीटीएम किट और आरटी-पीसीआर किट की खरीद में भी गड़बड़ी की गई। शिकायतकर्ता ने पत्र में यह भी बताया है कि कुलपति ने महंगी खरीद की बात मानकर इस खरीद का टेंडर समाप्त कर दिया, लेकिन पहले महंगी दर पर खरीदी गई करोड़ों रुपये की किट पर कोई कार्यवाही नहीं की।
वहीं शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त से मामले की शिकायत की। लोकायुक्त ने जांच कराने का फैसला कर कुलपति से जवाब मांगा। इसके बाद 10 फरवरी 2022 को उप लोकायुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा। इसमें तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने की बात कही गई है।
वहीं कमेटी में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और चिकित्सा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को शामिल किया जाएगा। तीन सदस्यीय जांच कमेटी अपनी आख्या उप लोक आयुक्त को 21 मार्च तक उपलब्ध कराएगी।