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यूपी: अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ करना होंगा मुश्किल, वहीं भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने बनाया ऐसा साफ्टवेयर।

यूपी: अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ करना होंगा मुश्किल, वहीं भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने बनाया ऐसा साफ्टवेयर।


लखनऊ। आलमबाग के बहादुरखेड़ा में जिंदा व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर उसे मृत दिखाकर उसकी प्रापर्टी को हड़पने का प्रयास किया गया। मामला संज्ञान में आया तो कार्रवाई की गई। चिकित्सालय प्रशासन और चिकित्सकों की मिलीभगत से ऐसी चिकित्सा रिपोर्ट बनाने और रिपोर्ट में छेड़छाड़ पर विराम लगेगा।

वहीं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो.संजय सिंह के संरक्षण में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में ऐसे दो सॉफ्टवेयर बनाए गए जो इसको रोकने का काम करेंगे। 11 सदस्यों की टीम ने आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस पर आधारित साफ्टवेयर तैयार करने के लिए दो अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए अनुदान प्राप्त किया है।

वहीं यह साफ्टवेयर डिजिटल हेल्थकेयर सूचना प्रबंध प्रणाली और हेल्थकेयर बिग डाटा को सुरक्षित करने के लिए तैयार किए गए हैं। सुरक्षित अस्पताल प्रबंधन प्रणाली के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजो और चिकित्सकों दोनों की सूचनाओं को प्रभावी तरीके से गोपनीय रखा जा सकेगा।

वहीं सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम फार डिजिटल हेल्थ केयर इंफार्मेशन मैनेजमेंट फाइल्ड एंड इट्स मेथड देयर आन पर आधारित बने साफ्टवेयर में भारत और विदेश के कुल छह सदस्यों ने काम किया है। राष्ट्रीय स्तर पर डा.अलका, डा. राजीव कुमारके अलावा डा. होसाम अल्हाकामी, डा. अब्दुल्ला बाज और डा. वाजदी अलखामी को इस अनुसंधान कार्य में सदस्य के रूप में सहयोग किया गया है। बिगडाटा एनालिसिस फार स्मार्ट हास्पिटल सिस्टम यूसिंग ब्लाकचैन साफ्टवेयर बनाने में डा. राजीव कुमार, डा. अब्दुल्ला बाज, डा. मुहम्मद-अल-शेयरफ और डा. होसाम अल्हाकामी की भूमिका रही है।

वहीं दूसरी तरफ डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के प्रयासों के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर, सुरक्षित तथा कम लागत वाला बनाने के दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। यह साफ्टवेयर मेडिकल थिंग्स, ब्लाकचेन की कार्यप्रणाली तथा डाटा जुटाने में कारगर होगा। डाटा एनालिटिक्स पद्धति का उपयोग करके हेल्थकेयर डाटा और चिकित्सा पद्धतियों की सुरक्षा तथा गोपनीयता बनाए रखने में मददगार होगा। ये दिए गए पेटेंट मरीजों और चिकित्सकों के लिए मददगार होंगे।