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यूपी: वाराणसी में नकली कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने के मामले में नौ की पुलिस को हैं तलाश।

यूपी: वाराणसी में नकली कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने के मामले में नौ की पुलिस को हैं तलाश।

                                 S.K. Gupta Reporter

वाराणसी। रोहित नगर में नकली कोरोना रोधी वैक्सीन व कोविड टेस्ट किट बनाने के मामले में एसटीएफ को और नौ आरोपितों की तलाश है। सूत्रों की माने तो इस धंधे में एक बड़ा नेक्सस का पता चला है। इस अंतरप्रांतीय गिरोह का सरगना दिल्ली में है। नकली वैक्सीन बनाने वालों को एसटीएफ ने पहले ही ट्रैप तो कर लिया था, लेकिन इनकी लोकेशन नहीं मिल रही थी।

वहीं कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लेने पर लंका में नरिया के आसपास उनकी लोकेशन का पता चला। करीब तीन दिन तक रेेकी करने के बाद जब एसटीएफ ने उस मकान का पता लगा लिया, जहां यह धंधा फल फूल रहा थ। इसके बाद बड़े ही गोपनीय ढंग से बिना स्थानीय पुलिस को साथ लिए एसटीएफ ने पाश इलाके रोहित नगर में छापेमारी की और इतनी बड़ी सफलता हासिल हुई।

बता दें कि मंगलवार की रात एसटीएफ ने एक मकान पर छापेमारी कर इस धंधे का भंडाफोड़ किया था। इस संबंध में पांच आरोपित राकेश थावानी, संदीप शर्मा, लक्ष्य जावा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर मौके से गिरफ्तार किए गए थे। मकान से बड़ी संख्या में नकली कोविशील्ड वैक्सीन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, कोविड टेस्ट किट आदि बरामद किए गए थे। गिरफ्तार आरोपितों में लक्ष्य जावा दिल्ली व शमशेर बलिया का है जबकि अन्य सभी स्थानीय हैं।

वहीं आरोपितों ने पूछताछ में धंधे व उसके नेटवर्क से जुड़े कई राज उगले, जिसपर एसटीएफ काम कर रही है। इनके काम आपस में बंटे हुए थे। गिरोह का सरगना अपने गुर्गों से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, वैक्सीन व कोविड किट को तैयार कराता था। इसके बाद एजेंट लक्ष्य जावा के जरिए उसे दिल्ली मंगवा कर केरल भेजा जाता था। माल का ट्रांसपोर्ट सड़क मार्ग से होता था, ताकि किसी को संदेह नहीं हो सके। 

वहीं इस गिरोह के लोग कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वाट्सएप व टेलीग्राम के माध्यम से एक - दूसरे के संपर्क मे आए थे। अब एसटीएफ के सामने अन्य नौ आरोपितों की गिरफ्तारी चुनौती है। इनमें कबीरचौरा निवासी राहुल जायसवाल व दिल्ली के विजय कुमार, यश कुमार, अरुण शर्मा, अरुण पटनी, मानसी, रणवीर, गुरजीत व गुरबाज शामिल हैं। 

वहीं इसके मद्देनजर कार्रवाई के लिए एसटीएफ की तीन टीमें बनाई गई हैं। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि आरोपितों के पास से बरामद छह मोबाइल की मदद से गिरोह के सरगना व उसके नेटवर्क को ध्वस्त करने मेें मदद मिलेगी। नकली वैक्सीन व कोविड टेस्ट किट बनाने के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपितों को लंका पुलिस ने गुरुवार की सुबह न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। 

वहीं इनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इन पर एनएसए लगाने का भी विचार कर रही है। इस संबंध विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। मौके से मिली एसयूवी कार भी लंका पुलिस ने कब्जे में ले ली है। यह एसयूवी महाराष्ट्र के निशी कांत ठाकुर के नाम से पंजीकृत है। कार के बारे में जांच की जा रही है कि इसका ताल्लुक इस मामले से तो नहीं है। एसटीएफ सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।