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यूपी : आगरा में किशोरी और महिला का पता ढूंढ़ने में लगी पुलिस, वहीं न स्वर और न श्रवण होने से असमंजस में कदम।
आगरा। घर से बिछुड़ी महिला और किशोरी के लिए उनकी लाचारी मुश्किल बन गई है। पंद्रह दिन पहले वे पुलिस को मिलीं। इसके बाद आशा ज्योति केंद्र में बैठाया गया। वहां से पुलिस ने उन्हें घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर लिए। विशेषज्ञों की मदद भी ली। मगर, सफलता नहीं मिल पा रही है।
वहीं पंद्रह दिन से आशा ज्योति केंद्र में बैठी महिला और किशोरी को अब हारकर पुलिस शेल्टर होम भेजने की प्रक्रिया पूरी कर रही है। पंद्रह दिन पहले एक किशोरी रेलवे स्टेशन पर भटकती मिली। चाइल्ड लाइन की टीम उसे आशा ज्योति केंद्र लेकर पहुंची। इसी तरह रकाबगंज क्षेत्र में एक महिला पुलिस को भटकती मिली। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। महिला बोल और सुन नहीं पाती है। ऐसे में पुलिस ने महिला को आशा ज्योति केंद्र में भेज दिया।
वहीं आशा ज्योति केंद्र की प्रभारी ने बताया कि उनके यहां केवल पांच दिन तक महिलाओं को शरण दिए जाने का नियम है। महिला और किशोरी को शहर के अलग-अलग स्थानों के फोटो मोबाइल में दिखाए गए। यमुना किनारे का फोटो देखकर महिला के चेहरे के हाव-भाव कुछ बदले। वह खुश होती नजर आई तो पुलिस को कुछ उम्मीद जागी थी।
वहीं उसे पुलिस यमुना किनारा रोड और आसपास के इलाकों में पूरे दिन घुमाती रही। मगर, वहां से कुछ जानकारी नहीं हो सकी। इसके बाद पुलिस दोनों को विजय नगर कालोनी में स्थित मूक वधिर विद्यालय में ले गई। वहां महिला और किशोरी के इशारों से विशेषज्ञ उनके बारे में जानकारी कर सकते थे, लेकिन वहां दोनों ने कोई इशारे ही नहीं किए। ऐसे में पुलिस उन्हें वहां से भी ले आई। अब किशोरी को बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसे शेल्टर होम भेजा जाएगा।
वहीं इसी तरह महिला को शेल्टर होम भेजने के लिए पुलिस की ओर से एडीएम सिटी आफिस में रिपोर्ट दी है। दोनों के लिए शेल्टर होम भेजने के आदेश मिलते ही अब उन्हें भेज दिया जाएगा। आशा ज्योति केंद्र में बैठी महिला एक मोबाइल नंबर लिख रही है। उस पर पुलिस ने संपर्क किया। मगर, उसने महिला को पहचानने से इन्कार कर दिया। पुलिस अब मोबाइल नंबर वाले व्यक्ति के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।