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यूपी: वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का प्रस्ताव हुआ खारिज।

यूपी: वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का प्रस्ताव हुआ खारिज।

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वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के बीए, बीकाम, बीएससी सहित अन्य (स्नातक स्तर) पाठ्यक्रमों की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं दस मार्च से प्रस्तावित है। परीक्षाएं परंपरागत तरीके से ही होंगी। ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का प्रस्ताव परीक्षा समिति ने खारिज कर दिया है। ऐसे में अब अनिवार्य सहगामी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं ही ओएमआर शीट पर होंगी।

वहीं कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई परीक्षा समिति की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम खंड में अब वर्ष में दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। वहीं परीक्षा की अवधि को लेकर सहमति नहीं बन सकी। समिति ने शासन की गाइड लाइन के अनुसार परीक्षा का समय निर्धारित करने का निर्णय लिया है। 

वहीं परीक्षा की अवधि डेढ़ घंटे होने पर परीक्षार्थियों को चार में दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर देना होगा। वहीं तीन घंटे की परीक्षा होने पर परीक्षार्थियों को आठ में से चार दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर देना होगा। दोनों समयावधि मेें अति लघु उत्तरीय व लघु उत्तरीय प्रश्न भी पूछे जाएंगे। वहीं जिन पाठ्यक्रमों अध्ययन समिति की नहीं हुई है। उन पाठ्यक्रमों में पुराने पैर्टन से ही प्रश्नपत्रों का निर्णय होगा। बैठक में कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय, सहायक कुलसचिव हरीशचंद सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग ने नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों को जिक्र करते हुए कहा कि इससे मजबूती से निपटने के लिए शिक्षक तैयार रहें। प्रो. नाग सोसायटी फार हायर एजुकेशन एंड प्रैक्टिकल एप्लीकेशन की ओर से प्रो. केपी पांडेय स्मृति व्याख्यानमाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शिक्षक शिक्षा विषय पर आयोजित परिचर्चा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

वहीं मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. चांद किरण सलूजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षक शिक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। अध्यक्षता करते हुए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने प्रो. केपी पांडेय को असाधारण व्यक्तित्व का धनी बताते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला। 

वहीं स्वागत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. अमिता पांडेय ने किया। स्वामी चिदानंद, प्रो.कल्पलता पांडेय, प्रो.सीमा सिंह, प्रो. एनएस मवी, प्रो. यूसी वशिष्ठ व प्रो.एसपी मल्होत्रा सहित यूट्यूब चैनल के माध्यम से दो सौ से अधिक शिक्षकों ने सहभागिता की।