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यूपी: लखनऊ विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे रिश्तेदार, सास, दामाद और पत्नी दिखा रहे दम।
लखनऊ। राजनीति में रिश्तों की खुशबू तो हमेशा से ही दिखती रही है और चुनाव में तो यह तो आम हो जाती है, जबकि बेटे, पत्नी और बहू को टिकट दिलाने के लिए राजनीतिक दलों में दंगल सा नजारा होता है। टिकट नहीं मिला तो नेता की आस्था खत्म हो जाती है और वह पाला बदलने में कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
वहीं इस विधानसभा चुनाव में ऐसा ही नजारा दिख रहा है। खासकर लखनऊ की विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में रिश्तेदारी दिख रही है। विधानसभा चुनाव में लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से समाजवादी पार्टी से सुशीला सरोज तो पूर्वी सीट से उनके दामाद अनुराग भदौरिया चुनाव लड़ रहे है।
वहीं मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के टिकट से 2009 में सांसद रह चुकीं सुशीला सरोज इस बार विधानसभा चुनाव में यहां से सपा के टिकट पर मैदान में हैं। पूर्वी विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार अनुराग भदौरिया सुशीला सरोज के दामाद हैं। उनकी पत्नी अनुपमा राग प्रशासनिक अधिकारी हैं और सिंगर भी हैं। ऐसे में सुशीला सरोज की कोशिश खुद की सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही दामाद की सीट पर भी विजय दिलाने की है।
वहीं दूसरी तरफ़ मोहनलालगंज से 2014 और फिर 2019 से सांसद चुने गए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। वह 2017 में भाजपा के टिकट से चुनाव जीतीं थीं। गृहिणी से राजनीति का सफर तय करने वालीं जय देवी का चुनाव भी कौशल किशोर के लिए चुनौती है। मलिहाबाद विधानसभा सीट मोहनलालगंज संसदीय सीट में ही आती है।
वहीं सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर को पत्नी की जीत सुनिश्चित करने के साथ ही रिश्ते में साले का भी ध्यान रखना होगा। मोहनलालगंज सीट से भाजपा उम्मीदवार अमरेश कुमार रिश्ते में कौशल किशोर के साले हैं। वह रायपुर गांव के निवासी हैं, जहां कौशल किशोर के भाई की ससुराल है। अमरेश को टिकट दिलाने में कौशल किशोर ने खास भूमिका निभाई थी।