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यूपी: आत्महत्या करने जा रहे युवक को बचाने पर लखनऊ के सेवानिवृत्त सैनिक को मिला जीवन रक्षक पदक।
लखनऊ। पत्नी से झगड़े के बाद समुद्र में कूदकर आत्महत्या करने जा रहे युवक को लखनऊ के नीलमथा निवासी भुवनेश्वर प्रजापति ने खुद को खतरे में डालकर उसकी जान बचाई। इनकी इस बहादुरी पर सरकार की ओर से जीवन रक्षक पदक देने की घोषणा की गई। 26 जनवरी को उन्हें यह पदक देने का एलान हुआ और छह फरवरी काे सम्मानित किया गया।
वहीं उनका कहना है कि जितनी खुशी यह पदक मिलने के लिए हो रही है, उससे ज्यादा उस समय युवक की जान बचाना में हुई हुई थी। भुवनेश्वर प्रजापति कुछ ऐसे जज्बे के साथ युवक की जान बचाकर अपनी बहादुरी का परिचय दिया। 2005 में नेवी में भर्ती हुए और 2020 में कोरोना काल के दौरान 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए।
वहीं दूसरी तरफ़ केरल के कोच्चि में तैनात भुवनेश्वर ने रिटायर होने से पहले 28 अक्टूबर 2019 को युवक के जीवन बचाने का उत्कृष्ट कार्य किया था। वह कोच्चि के एक पुल से गुजर रहे थे कि एक युवक ने समुद्र में छलांग लगा दी। भुवनेश्वर की नजर पड़ी तो वह बिना जान की परवाह किए उसे बचाने के लिए कूद पड़े। काफी मशक्कत के बाद वह युवक को बाहर निकालने में सफल हुए। पत्नी के विवाद में जान देने जा रहे युवक की जान बचाकर केरल ही नहीं पूरे देश में चर्चा में आए भुवनेश्वर की नेवी के अधिकारियों ने भी तारीफ कर सम्मानित किया।
वहीं दूसरी तरफ़ नेवी की ओर से उनका नाम केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हर साल बहादुरी के लिए मिलने वाले जीवन रक्षा पदक के लिए भेजा गया। मूलत: देवरिया के सिकरहटा गांव निवासी भुवनेश्वर के पिता किसान हैं। किसान के बेटे को उत्तम जीवन रक्षा पदक देने की घोषणा हुई तो लखनऊ ही नहीं गांव में भर जश्न का माहौल है।
वहीं 34 वर्षीय भुवनेश्वर ने बताया कि जान बचाना मेरा फर्ज था वह मैंने किया। सरकार ने पुरस्कार देकर मेरे हौसले को बढ़ाने का काम किया है। जीवन में जब भी मौका मिलेगा देश व समाज की रक्षा के लिए जान देने से कभी पीछे नहीं हटूंगा।