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यूपी: वाराणसी बीएचयू के वैज्ञानिकों की देखरेख में ड्रोन से हुआ गेहूं की फसल में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव।

यूपी: वाराणसी बीएचयू के वैज्ञानिकों की देखरेख में ड्रोन से हुआ गेहूं की फसल में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव।

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वाराणसी। जमालपुर क्षेत्र में बीएचयू के इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक डा. अनुपम कुमार नेमा की देखरेख में सोमवार को ड्रोन से भदावल गांव के प्रगतिशील किसान रमेश सिंह के खेत में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव गेहूं की फसल में किया गया गया।

वहीं बीएचयू की ओर से पूर्व में भी खेतों में रसायनों का ड्रोन से छिड़काव करने का प्रयोग किया जा चुका है। रसायनों का छिड़काव ड्रोन से करने की वजह से एक समान तरीके से सभी क्षेत्र में रसायनों का जहां छिड़काव संभव हो सका है वहीं दूसरी ओर रसायनों का छिड़काव ड्रोन के माध्‍यम से होने की वजह से रसायनों का खतरा भी इंसान द्वारा करने पर कम होगा। 

वहीं ड्रोन से खेत में उर्वरक का छिड़काव होता देख ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। दो एकड़ गेहूं की फसल में नैनो उर्वरक का छिड़काव करने में मात्र पंद्रह मिनट का समय लगा। बीएचयू के वैज्ञानिक ने बताया कि एक एकड़ गेहूं की फसल में पांच सौ एमएल तरल नैनो यूरिया का छिड़काव होता है। पांच सौ एमएल की कीमत 240 रूपए है।

वहीं दूसरी ओर कई बार छिड़काव करने के दौरान लोगों के भी रसायनों से प्रभावित होने और सेहत को नुकसान की घटनाएं सामने आई थीं। अब बीएचयू के कृषि अधिकारियों की देखरेख में हो रहे इस कार्य को देखते हुए भविष्‍य में पूर्वांचल में बड़े स्‍तर पर खेती में ड्रोन तकनीक का प्रयोग होना तय है। वहीं बीएचयू के अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में ड्रोन से खेती करना संभव होगा। 

वहीं दूसरी तरफ़ ड्रोन से उर्वरक छिड़काव करने में श्रम शक्ति एवं समय की बचत के साथ ही साथ पैदावार अधिक होता है। इफको वाराणसी के एरिया मैनेजर एके पांडेय एवं चंदौली एरिया मैनेजर राजेश कुमार ने नैनो यूरिया के छिड़काव में सहयोग किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता वीरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान पुनीत सिंह, दीपू सिंह, अशोक दीक्षित, अनिल कुमार सिंह, शिवमंदिर सिंह ईत्यादि अन्नदाता मौजूद रहे।