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यूपी: मीरजापुर में गुप्त नवरात्र के षष्ठी तिथि पर मां विंध्यवासिनी के दर पर बिखरी अलौकिक छटा।
मीरजापुर। गुप्त नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर मुंडन और जनेऊ का मुहूर्त होने के चलते सोमवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई मां विंध्यवासिनी के दर्शन को बेताब दिखा। कोई गोद में बच्चे को लेकर आस्था पथ बढ़ते जा रहा था तो कोई प्रसाद लेकर मंदिर की ओर चल पड़ा था। मां विंध्यवासिनी की जयकारे से विंध्यधाम गुंजायमान हो उठा।
वहीं मां विंध्यवासिनी की चौखट पर भीड़ इतनी थी कि मंदिर पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। श्रद्धालुओं की भीड़ से दुकानदार तो दुकानदार, नाई समाज, भिखारी व पंडा भी काफी खुश दिखे। गुप्त नवरात्रि के षठी तिथि पर पांच लाख भक्तों ने मां विंध्यवासिनी की चौखट पर शीश नवाया।
वहीं गुड़हल, कमल पुष्प व रत्न जड़ित हार से मां विध्यवासिनी का श्रृंगार किया गया था। मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर का कपाट खुला, ऐसा लगा मानो मां ने बुलाया हो। श्रद्धालु पहले ही नारियल-चुनरी, माला-फूल प्रसाद लेकर कतारबद्ध हो गए थे। जयकारे के साथ श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ते रहे। किसी ने झांकी तो किसी ने गर्भगृह पहुंच मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया।
वहीं मां की झलक पाकर भक्त निहाल हो उठे। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं को नमन किया और हवन-कुंड की भी परिक्रमा की। दिन चढ़ता गया श्रद्धालु बढ़ते गए। मुंडन संस्कार व यज्ञोपवीत के लिए भारी भीड़ रही। मंदिर के नीचे, गंगा तट पर मुंडन संस्कार तो मंदिर की छत पर यज्ञोपवीत संस्कार हुआ।
वहीं दूसरी तरफ मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ से मंदिर तो मंदिर, मंदिर की छत भी भक्तों से पटी नजर आई। वाहन स्टैंड भी फुल हो गए। मुंडन मुहूर्त होने के चलते गंगा घाटों पर भीषण भीड़ दिखा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया, फिर मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली का दर्शन-पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा की।
वहीं गुप्त नवरात्र के षष्ठी तिथि पर उमड़ी भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अटल चौक से रेहड़ा पुल, बंगाली चौराहा व दूधनाथ से लेकर बरतर तिराहा तक भीषण जाम लगा रहा। गाड़ियों की काफिले इतनी थी कि यात्री घंटों जाम में फंसे रहे। जाम नियंत्रित करने के लिए पुलिस-प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त पुलिस की तैनाती नहीं की गई थी। इससे यात्रियों को विलंब होने के साथ परेशानी का सामना करना पड़ा।