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यूपी: वाराणसी में दरोगा भर्ती परीक्षा के तीन इनामी जालसाज हुए गिरफ्तार।
वाराणसी। जिले में गत वर्ष नवंबर में हुई दारोगा भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से नकल का प्रयास कराने वाले साल्वर गिरोह के तीन जालसाजों को स्पेशल टास्क फोर्स की स्थानीय इकाई ने शनिवार को नुआव अंडरपास के समीप से गिरफ्तार कर लिया।
वहीं आरोपितों की पहचान 15 हजार रुपये के इनामी मीरजापुर के जिगना थानांतर्गत चदेरू चौकठा निवासी धर्मराज यादव, 15 हजार के इनामी प्रयागराज के घूरपुर थानांतर्गत सेमरा कलबना निवासी पुष्पराज सिंह व 10 हजार के इनामी प्रयागराज के सोरांव थानांतर्गत मुरादपुर खिदिरपुर इस्माइलगंज निवासी प्रभाकर पटेल के रूप में हुई। इनके पास से स्कार्पियो, इनोवा, पांच मोबाइल फोन व परीक्षा से संबंधित 12 प्रवेश पत्र बरामद किए गए।
वहीं इनमें से पुष्पराज व धर्मराज को चितईपुर थाने में दर्ज मुकदमे में तथा प्रभाकर को रोहनिया थाने में दर्ज मुकदमे में दाखिल किया गया। एसटीएफ के एएसपी वीके सिंह ने बताया कि 17 नवंबर 2021 व 23 नवंबर 2021 को दारोगा भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थी सिर में विग के अंदर इलेक्ट्रानिक डिवाइस व कान में आसानी से न दिखाई देने वाले माइक्रोफोन लगाकर पहुंचे थे।
वहीं इस दौरान गिरफ्तार तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ रोहनिया व चितईपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। तीनों आरोपितों ने पूछताछ में एसटीएफ को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली थी। एसटीएफ की तफ्तीश में सामने आया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसा लेकर भर्ती कराने का झांसा देने वाला एक संगठित गिरोह वाराणसी व इसके आसपास के जिलों में सक्रिय है।
वहीं दूसरी तरफ़ सर्विलांस व मुखबिरों की मदद से पता लगा कि साल्वर गिरोह के धर्मराज, पुष्पराज व प्रभाकर शनिवार को नुआव अंडरपास के पास आएंगे। इस सूचना के आधार पर तीनों को दबोच लिया गया। रेलवे का कर्मचारी भी गिरोह में शामिल पूछताछ में तीनों ने बताया कि काफी समय से वे साल्वर गिरोह संचालित कर रहे हैं। इस गिरोह में अमित यादव भी शामिल है।
वहीं जो प्रयागराज के रेलवे के जीएम आफिस में ग्रुप सी में सिगनल विभाग में नौकरी करता है। अमित यादव के नैनी स्थित घर में ही धर्मराज यादव रहता था। अमित यादव की पत्नी भी राजकीय मुद्रालय प्रयागराज में नौकरी करती है। बरामद इनोवा अमित की पत्नी के नाम से है।
वहीं इसी गिरोह में मीरजापुर के विंध्याचल थाना क्षेत्र के जोपा गांव का अनिल यादव शामिल है। वह भी अमित के साथ रेलवे में नौकरी करता है। धर्मराज का परिचय अमित से उसके पिता के माध्यम से हुआ था तो रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
वहीं वर्ष 2016 में पुष्पराज के भाई मुल्कराज की रेलवे ग्रुप डी में नौकरी लगी। मुल्कराज के शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अंकित नाम में त्रुटि थी, जिसके कारण उसे वेतन नहीं मिल रहा था। वेतन के लिए पुष्पराज रेलवे जीएम आफिस गया था, जहां उसकी मुलाकात अनिल से हुई। इस प्रकरण में अनिल यादव ने पुष्पराज का सहयोग किया था। इस कारण दोनों में दोस्ती हो गई थी।
वहीं पुष्पराज व प्रभाकर पटेल पहले से ही मित्र थे। इसके बाद सभी मिलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक अभ्यर्थियों से संपर्क कर मोटी रकम लेकर परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का काम करने लगे। पुष्पराज व प्रभाकर अभ्यर्थियों को लाते थे। अनिल व अमित द्वारा परीक्षा में उत्तीर्ण कराने की जिम्मेदारी ली जाती थी।
वहीं दारोगा भर्ती परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में उत्तीर्ण कराने की बात तय की गई थी। इसके लिए 16 नवंबर 2021 के धर्मराज यादव आठ विग लेकर प्रयागराज से रोडवेज बस से वाराणसी आया था और अभ्यर्थियों को दिया था। साल्वर गिरोह का तरीका
वहीं विग डिवाइस के माध्यम से नकल कराने के तरीके के संबंध में तीनों आरोपितों ने बताया कि यह अनिल व अमित द्वारा उपलब्ध कराया जाता था। अभ्यर्थी से दो मोबाइल सिम मंगाया जाता था। एक मोबाइल सिम विग डिवाइस में लगाया जाता था और दूसरा सिम परीक्षा केंद्र से दूर मौजूद साल्वर के पास मौजूद मोबाइल में लगाया जाता था। डिवाइसयुक्त विग के सूक्ष्म माइक्रोफोन अभ्यर्थी के काम के अंदर लगाया जाता था।
वहीं इसके बाद अनिल व अमित द्वारा साल्वर को आनलाइन प्रश्न उपलब्ध करा दिया जाता था। परीक्षा प्रारंभ होने पर आनलाइन उपलब्ध प्रश्नों का उत्तर एक साथ बोला जाता था, जिसे अभ्यर्थी अपने काम में लगे माइक्रोफोन की मदद से सुनकर सही उत्तर अंकित कर देते थे।