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यूपी: बलिया में रसड़ा से फिर ताल ठोंकेंगे उमाशंकर सिंह, वहीं सातों सीटों पर बसपा ने उतारे उम्मीदवार।

यूपी: बलिया में रसड़ा से फिर ताल ठोंकेंगे उमाशंकर सिंह, वहीं सातों सीटों पर बसपा ने उतारे उम्मीदवार।


बलिया। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने जिले की अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को सातों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह फिर ताल ठोंकेंगे, उन्हें तीसरी बार इसी सीट से बसपा ने मैदान में उतारा है। वह बसपा विधायक दल के उपनेता भी हैं। 

वहीं इसके अलावा बिल्थरारोड विधानसभा से प्रवीण प्रकाश, सिकंदरपुर से संजीव कुमार वर्मा, फेफना से कमलदेव सिंह यादव, बलिया सदर से शिवदास प्रसाद उर्फ मदन, बांसडीह से मानती राजभर जबकि बैरिया से अंगद मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया है। अगर उमाशंकर को छोड़ दें तो बाकी छह सीटों पर बसपा हाईकमान ने नए चेहरे को उतार दिया है।


वहीं बिल्थरारोड में भाजपा में टिकट की आस पूरी नहीं होने पर प्रवीण प्रकाश बसपा से मैदान में उतरे हैं। वह 2012 में भी बिल्थरारोड विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है और सुभासपा से अपने पहले चुनाव में 35578 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे। 2017 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें भविष्य में प्रत्याशी बनाने का आश्वासन देकर पीछे रखा। वह गजियापुर गांव के निवासी हैं।

वहीं रसड़ा में सीटिंग विधायक उमाशंकर सिंह पर पार्टी ने तीसरी बार भरोसा जताया है। वह 2012 और 2017 के चुनाव में दो बार से लगातार इस सीट पर विजयी होते रहे हैं। सपा या भाजपा की लहर में भी उमाशंकर सफल रहे। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। एएसी कालेज से वे पहली बार 1990-91 में छात्रसंघ के महामंत्री निर्वाचित हुए। 2000 में जिला पंचायत अध्यक्ष बने। बीते दिनों बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किया था।

वहीं बसपा ने बलिया नगर से शिवदास प्रसाद उर्फ मदन वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह 1995 में बलिया नगरपालिका का चुनाव भी लड़ चके हैं। पार्टी में वह 20 साल से अपनी सेवा दे रहे हैं। पार्टी ने उन्हें बलिया लोकसभा का प्रत्याशी भी बनाया था। पिछली बार उन्हें टिकट नहीं मिला था। वह शहर के ही जापलिंगगंज के निवासी हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ बैरिया विधान सभा क्षेत्र में अंगद मिश्र को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वह शोभनथहीं ग्राम के निवासी हैं। राजनीति में आने से पूर्व वह भारतीय वायु सेना में थे। पिछले वर्ष हिंडन गाजियाबाद से सेवानिवृत्त होने के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र के संपर्क में आए और बसपा की सदस्यता ग्रहण की। वह बिल्डिंग बनाने के साथ साथ रेडीमेड कपड़ों के व्यवसायी हैं।

वहीं सिकंदरपुर पूर्व विधायक केदारनाथ वर्मा के भतीजे संजीव कुमार वर्मा को बसपा ने सिकंदरपुर में प्रत्याशी घोषित किया है। राजनीतिक का ककहरा घर से ही सीखने वाले संजीव के पिता केशव वर्मा चंदाडीह गांव के 25 साल प्रधान रह चुके हैं। वही इनके चाचा पूर्व विधायक केदारनाथ वर्मा 2007 से 2012 तक सीयर विधान सभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

वहीं बांसडीह में भारतीय सुहेलदेव पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष का पद छोड़ कर बीते दिनों बसपा में आईं मानती राजभर पर पार्टी नेतृत्व ने बांसडीह विधान सभा क्षेत्र में दांव लगाया है। विधान सभा में राजभर समाज की संख्या ज्यादा है। वह बांसडीह की ही निवासी हैं। भारतीय सुहेलदेव पार्टी में रहते हुए उन्होंने महिलाओं में अपनी अलग पहचान स्थापित की है। इसी विधान सभा से सपा और सुभासपा गठबंधन से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी भी प्रत्याशी हैं।

बता दें कि बसपा ने फेफना सीट से कमल देव सिंह यादव को टिकट दिया है। वह नगवा गाई के ग्राम प्रधान हैं। 2010 में कमल की पत्नी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ीं थी। 2015 में वह जिला पंचायत का चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों चुनाव में उन्हें हार मिली। 2000 से वह बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहे हैं।