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यूपी: सजग पुलिस ने लखनऊ में थामी अपराध की रफ्तार में किया कमी।

यूपी: सजग पुलिस ने लखनऊ में थामी अपराध की रफ्तार में किया कमी।


लखनऊ। राजधानी का मध्य विधानसभा क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। इस क्षेत्र में विधानभवन, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास व अन्य महत्वपूर्ण स्थल आते हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था और सुरक्षित माहौल पर शासन की नजर रहती है। पांच साल पहले कई ऐसे संगीन मामले हुए, जिन्होंने मध्य क्षेत्र के लोगों में खौफ भर दिया था। 

वहीं तब शासन स्तर से पर्यवेक्षण की कमी के कारण कई घटनाएं न केवल अनसुलझी रहीं बल्कि अपराधी भी बेखौफ नजर आए। हालांकि पांच साल के भीतर अपराध की रफ्तार में कमी आई है और पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हाेने से अपराधी फरार हैं।

वहीं फरवरी 2015 में लखनऊ के हसनगंज में एटीएम कैश वैन के तीन कर्मचारियों की हत्या कर 50 लाख 50 हजार रुपये लूट लिए थे। दिनदहाड़े हुई इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। काफी प्रयास के बावजूद पुलिस बदमाशों को नहीं पकड़ पाई थी। खास बात ये है कि तब पुलिस ने घटना को अंजाम देने में सिमी के दो आतंकियों की संलिप्तता की बात भी कही थी। हालांकि बदमाशों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका।

वहीं उधर, 30 जुलाई 2018 को राजभवन के पास कैश वैन से लूट के दौरान सिक्योरिटी गार्ड की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने छानबीन शुरू की। सीसी कैमरे खंगाले गए। कई टीमें गठित हुईं, इसके बाद आरोपित विनय तिवारी को फुटेज की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। यही नहीं पुलिस ने आरोपित के बहनोई व उसकी पत्नी को भी साक्ष्य छिपाने के आरोप में पकड़ा था।

वहीं दूसरी तरफ़ मध्य क्षेत्र के व्यापारियों ने अच्छा काम करने के लिए पुलिस को कई बार सम्मानित किया है। नेहरु क्रास चौराहे पर पान मसाला कारोबारी के यहां कर्मचारी की हत्या व लूट का भी पुलिस ने कम समय में राजफाश किया था। इससे खुश होकर व्यापारी नेताओं ने पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन कर पुलिस की तारिफ की थी। मध्य विधानसभा क्षेत्र में हजरतगंज, हुसैनगंज, गौतमपल्ली, सरोजनीनगर, कृष्णानगर, बंथरा, बिजनौर, कैंट, आलमबाग, हसनगंज व मानकनगर समेत अन्य थाने आते हैं।